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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

पटना: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों से दरिंदगी के मामले में बिहार सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक देवेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। यही नहीं भोजपुर, मुंगेर, अररिया, मधुबनी और भागलपुर सामाजिक कल्याण विभाग के सहायक निदेशकों को सस्पेंड कर दिया गया है। बता दें कि शेल्टर होम में 34 लड़कियों के साथ दरिंदगी के इस मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इसे लेकर देशभर में उबाल है। शनिवार को विपक्षी पार्टियों ने नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर नीतीश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

आरजेडी की तरफ से बुलाए गए इस धरने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। सभी ने दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की। इधर, चौतरफा घिरी नीतीश सरकार ने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस)की ऑडिट रिपोर्ट पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक को निलंबित करने के साथ ही मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ठाकुर के हथियारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं।

पटना: बिहार की पूर्व मंत्री एवं सत्तारूढ़ जदयू की विधायक बीमा भारती के बेटे का शव शुक्रवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में रेल पटरी के पास मिला। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में जदयू विधायक के बेटे के दो दोस्तों को गिरफ्तार किया गया है। भारती पूर्णिया जिले में रुपौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनु महाराज ने बताया कि बीती रात दीपक कुमार (21) अपने कुछ दोस्तों के साथ घर से निकला था। कुछ स्थानीय लोगों ने शहर में एनएमसीएच अस्पताल के सामने रेल पटरी के पास दीपक का शव देखा और पुलिस को इस संबंध में सूचित किया।

उन्होंने बताया कि दीपक के सिर और जांघ पर चोट के निशान हैं। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। एसएसपी ने बताया कि दीपक के दोस्तों रोशन और मृत्युंजय को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। बताया जाता है कि मृतक का परिवार रोशन और मृत्युंजय को जानता है। दोनों ने दावा किया कि कल रात का खाना खाने के बाद दीपक चला गया था और उन्होंने समझा कि वह घर सुरक्षित पहुंच गया होगा।

पटना: मुजफ्फरपुर रेप मामले को लेकर बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला किया है। उन्होंने इस मामले को लेकर नीतीश कुमार के नाम एक खुला पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र के माध्यम से उनपर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “मुजफ्फरपुर मामले पर आपके महीनों की रहस्यमय चुप्पी देखकर खुला पत्र लिखने पर विवश हुआ हुआ हूं। यह विशुद्ध रूप से गैर राजनीतिक पत्र है, क्योंकि एक समाजिक कार्यकर्ता होने से पहले मैं सात बहनों का भाई, एक मां का बेटा और कई बेटियों व भगिनी का चाचा और मामा हूं। बच्चियों के साथ हुई इस अमानवीय घटना से मैं सो नहीं पाया हूं। आप कैसे चुप रह सकते हैं आपसे बेहतर कौन जानता है।”

तेजस्वी ने लिखा कि इस घटना के बाद मैं दुःखी हूं, क्योंकि जिनकी उम्र खिलौने से खेलने की है वो खुद खिलौना बन गईं। वो अनाथ मासूम लड़कियां किसी का वोट बैंक नहीं, इसलिए इससे हमें क्या लेना देना? उनसे हमारा कोई रिश्ता थोड़ी न था। वह लुटती रहीं, पिटती रहीं, शर्मसार होती रहीं, बेइज्जत होती रहीं, कराहती रहीं, चीखती रहीं, मरती रहीं। वो हवस के पुजारियों के हाथों हर रात लुटती रहीं और सरकार गहरी नींद में सोती रही। क्या यहीं सुशासन है, जहां पुलिस प्रशासन ने आंखे मूंद ली थी।

पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड पर पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर की घटना को शर्मसार कर देने वाली घटना करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में ऐसी घटना घट गई कि हम शर्मसार हो गये हैं। सीबीआई जांच कर रही है, हाईकोर्ट इसकी मॉनिटिरिंग करें। गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड का मामला बिहार विधानसभा से लेकर देश की संसद तक में गूंज उठा है।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड पर पहली बार सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 'मैं सबको आश्वस्त करना चाहूंगा कि इस मामले में किसी के प्रति उदार रवैया नहीं अपनाई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे कड़ी सजा मिलेगा।' बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका कांड में 44 बच्चियों में से 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हो गई है। इस मामले पर अभी तक विपक्ष का रवैया काफी हमलावर रहा है। नीतीश कुमार जिस कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर की घटना पर दुख जता रहे थे, उस कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा भी मौजूद थीं।

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