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पटना: दिल्ली में एनडीए के सीट बंटवारे का फार्मूला तय हुआ और बिहार का अरवल जैसा छोटा शहर बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत दे गया। दिल्ली की घोषणा के कुछ ही देर बाद अरवल परिषद में केन्द्रीय राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच बंद कमरे में लगभग 15 मिनट तक बात हुई। बातचीत का सार तो पता नहीं चला, लेकिन इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गईं। हालांकि, तेजस्वी यादव से मुलाकात पर केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, एनडीए में सीट शेयरिंग पर अभी फाइनल नहीं हुआ है। अमित शाह जी ने कहा कि कुछ दिनों में फाइनल होगा। तेजस्वी यादव के साथ मुलाकात सिर्फ संयोग था।

वहीं तेजस्वी यादव ने मीडिया से कहा, एक ही दिन में थोड़े ना सब कुछ होता है। धीरे-धीरे गाड़ी आगे बढ़ती है। क्या बातचीत हुई है, ये समय आने पर पता चल जाएगा। राज्य में रालोसपा को लेकर कई तरह के कयास शुरू से ही लगाए जाते रहे हैं। हाल में उपेंद्र कुशवाहा ने यदुवंशी का दूध और कुशवंशी के चावल से खीर बनाने की बात कहकर भी नये राजनीतिक समीकरण के संकेत दिए थे। हालांकि उहोंने तब कहा था कि इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं है और उन्होंने सामाजिक समरसता को लेकर यह बात कही है।

नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में भाजपा और जेडीयू के बीच सीटों को लेकर चल रही खींचतान शुक्रवार को खत्म हो गई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच दिल्ली में हुई बैठक के बाद सीट बंटवारे को लेकर फैसला हो गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, जेडीयू और भाजपा एक समान सीट पर चुनाव लड़ेंगे और अन्य साथियों को भी सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी उसकी घोषणा कुछ दिनों में की जाएगी।

अमित शाह ने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव पीएम मोदी की अध्यक्षता में लड़ा जाएगा और एनडीए पहले से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेंगा। उपेंद्र कुशवाह के बारे में पूछे गए सवाल पर अमित शाह ने कहा कि वह हमारे साथ है और एनडीए के सभी साथियों को सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राम विलास पासवान और उपेंद्र कुशवाह हमारे साथ हैं और नए साथी के आने पर सभी की सीटों को घटाया गया है। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में सीट बंटवारे के फॉर्मूला पर बात हो गई है।

पटना: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पटना में गुरुवार को कहा कि उन्होंने आज तक बिहार को छोड़कर कहीं दूसरी जगह मुख्यमंत्री का अपहरण होते नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपहरण कर लिया है। पटना के गांधी मैदान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) द्वारा आयोजित 'भाजपा हराओ-देश बचाओ' रैली में पहुंचे गुलाम नबी आजाद ने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नोटबंदी सरकार का गलत फैसला था। आजाद ने कहा, "नोटबंदी और जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) से देश में बेरोजगारों की संख्या में 35 लाख का इजाफा हो गया।"

आजाद ने कहा कि इसी गांधी मैदान में बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व महागठबंधन की रैली में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नीतीश कुमार के नाम की घोषणा की गई थी, लेकिन उन्होंने अब पाला बदल लिया है। उन्होंने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की। आजाद ने कहा, "भाजपा विरोधी सभी दलों को एक साथ आना चाहिए जिससे संविधान की रक्षा हो।"

पटना: कई वर्षों के अंतराल के बाद सीपीआई ने पटना के गांधी मैदान में बृहस्पतिवार को 'भाजपा भगाओ, देश बचाओ रैली' का आयोजन किया। इस रैली में केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए विरोधी अधिकांश दलों के नेता जहां मौजूद थे, वहीं सीपीआई ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को अपना चेहरा बनाकर पेश किया। इस रैली में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, शरद यादव, सीपीआई-एमएल के दीपांकर भट्टाचार्य, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, एनसीपी के डीपी त्रिपाठी और राजद के रामचंद्र पूर्वे सहित सीपीआई के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

कन्हैया ने अपने भाषण में राज्य सरकार से अधिक केंद्र सरकार पर अपना हमला जारी रखा। कन्हैया ने कहा कि केंद्र की सरकार जुमले वादियों की सरकार है और इसके खिलाफ संगठित होकर ही मुकाबला किया जा सकता है। उन्होंने भाजपा को याद दिलाया कि जिस श्रीकृष्ण सिंह की जयंती वह आज मना रहे हैं वे बिहार में कांग्रेस के कई दशकों तक कर्ताधर्ता थे। उन्होंने कहा कि लेकिन देखिए भाजपा की कथनी और करनी में फर्क, एक तरफ कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी के संस्थापक में से एक डॉक्टर श्रीकृष्ण सिंह की जयंती भी मनाते हैं।

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