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नई दिल्ली: आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आठ मई को सुनवाई करेगा। बता दें कि आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि दिवंगत आईएएस अधिकारी जी कृष्णैय्या की हत्या के लिए भीड़ को उकसाने के मामले में बाहुबली नेता आनंद मोहन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। हालांकि बीते दिनों आनंद मोहन को नियमों में बदलाव कर समय से पूर्व रिहा कर दिया गया। जिसके खिलाफ जी कृष्णैय्या की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बीती 10 अप्रैल को बिहार जेल मैनुअल 2012 में बदलाव किया था। जिसके तहत सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान हत्या के मामले में जेल से रिहाई का प्रावधान कर दिया गया, जिस पर पहले रोक थी। इस बदलाव के बाद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। बीती 27 अप्रैल को आनंद मोहन को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। आनंद मोहन की रिहाई पर विपक्षी पार्टियों ने विरोध भी जताया।

1994 में हुई थी जी कृष्णैय्या की हत्या

1985 बैच के आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैय्या महबूबनगर के निवासी थे, जो आज के तेलंगाना में आता है। पांच दिसंबर 1994 को बिहार के मुजफ्फरपुर में लोगों की भीड़ ने जी कृष्णैय्या की हत्या कर दी थी। जिस भीड़ ने जी. कृष्णैय्या की हत्या की उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहा था। जिसके चलते आनंद मोहन के खिलाफ अदालत में सुनवाई हुई और साल 2007 में ट्रायल कोर्ट ने आनंद मोहन को मौत की सजा सुनाई। हालांकि 2008 में पटना हाईकोर्ट ने मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। अब बिहार सरकार ने नियमों में बदलाव कर आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया है, जिस पर हंगामा मचा है।

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