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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को संकेत दिया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद पटना में विपक्षी नेताओं की बैठक हो सकती है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता ने कहा कि इस बैठक में विपक्षी एकता कायम करने से जुड़े मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है। नीतीश ने कहा, “हम निश्चित रूप से एक साथ बैठेंगे और 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।”

उन्होंने कहा, “वर्तमान में कुछ नेता (कर्नाटक) विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं. एक बार यह खत्म हो जाए, तो हम अपनी बैठक के स्थान को अंतिम रूप देंगे। अगर पटना को सर्वसम्मति से विपक्षी नेताओं की बैठक के अगले स्थान के रूप में चुना जाता है, तो इसे यहां आयोजित किया जाएगा।” मुख्यमंत्री ने कहा, “पटना में इस बैठक को आयोजित करने में हमें खुशी होगी।”

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24 अप्रैल को कोलकाता में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की।

इस दौरान, उन्होंने नीतीश से पटना में सभी गैर-भाजपा दलों की एक बैठक आयोजित करने का आग्रह किया था, ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता पर चर्चा की जा सके।

ममता ने कोलकाता में नीतीश के साथ बैठक के बाद कहा था, “मैंने नीतीश कुमार से सिर्फ एक अनुरोध किया है। जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से शुरू हुआ था, अगर बिहार में सर्वदलीय बैठक होती है, तो हम तय कर सकते हैं कि हमें आगे किस दिशा में जाना है।”

विपक्षी दलों को एकजुट करने का लक्ष्‍य

नीतीश ने ममता के इस आग्रह को स्वीकार करते हुए कहा, “उन्होंने (ममता बनर्जी) तो बोला ही था पटना में बैठक के लिए। हम भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ देश में अधिक से अधिक दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैंने हाल ही में कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है। अब मैं अन्य गैर-भाजपा दलों से बात करूंगा.... मेरा उद्देश्य विपक्षी दलों को लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट करना है।”

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