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पटना: बिहार में बिजली के शुल्क में हुई बढ़ोतरी का भार आम उपभोक्ताओं के ऊपर नहीं डाला जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार बिजली कंपनियों को अलग से सब्सिडी देगी। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में की। नीतीश कुमार ने इस घोषणा के साथ विपक्षी बीजेपी के सदस्यों को पूरे देश में ‘एक राष्ट्र, एक बिजली शुल्क' लागू कराने का भी आग्रह किया। नीतीश कुमार ने कहा कि फ़िलहाल बिहार जैसे राज्यो को महाराष्ट्र और गुजरात जैसे विकसित राज्यों से भी महंगे दर पर बिजली ख़रीदनी पड़ रहा है।

2 मार्च को भी बिहार विधानमंडल की संयुक्त बैठक में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि बिहार को अन्य राज्यों की तुलना में केंद्र सरकार के बिजली उत्पादन संयंत्रों से अधिक दर पर बिजली मिलती है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक समान बिजली दर होनी चाहिए और केंद्र सरकार को ‘एक राष्ट्र, एक बिजली शुल्क' के बारे में सोचना चाहिए।

पिता बनने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शुक्रवार को बिहार विधानसभा पहुंचे और उन्होंने अपने बेटी कात्यायनी के लिए बधाई देने वाले सभी लोगो को धन्यवाद कहा। बिजली के शुल्क में हुई बढ़ोतरी पर तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन की सरकार किसी पर बोझ नहीं बढ़ाना चाहती, लेकिन केंद्र सरकार विशेष राज्य का दर्जा देती तो राज्य की और भी आर्थिक उन्नति हो सकती है। राज्य कैबिनेट में बिजली कंपनियों के लिए तेरह हज़ार करोड़ रुपये के सब्सिडी से फैसले से उपभोक्ताओं पर बिजली के शुल्क में हुई बढ़ोतरी का भार नहीं पड़ेगा।

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