पटना: देशभर में पिछले काफी दिनों से सुर्खियां बटोर रहे यूट्यूबर मनीष कश्यप ने सरेंडर कर दिया है। मनीष की तलाश पुलिस पिछले कई दिनों से कर रही थी। मनीष पर तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में कई मामले दर्ज हैं। बिहार पुलिस ने इस बारे में ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि तमिलनाडु में कामकाजी बिहार के निवासियों के लिए असत्य, भ्रामक एवं उन्माद फ़ैलाने वाले वीडियो को प्रसारित करने एवं आर्थिक अपराध थाना कांड सं0 3/23 तथा 4/23 के अभियुक्त मनीष कश्यप ने बिहार पुलिस एवं ईओयू के दबिश के कारण बेतिया के जगदीशपुर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया है।
तमिलनाडु में रहने वाले बिहार के लोगों के संबंध में हिंसात्मक घटनाओं से जुड़े वीडियो प्रसारित किये जाने के बाद उनकी जांच की गयी। प्रदेश की आर्थिक अपराध इकाई को जांच के क्रम में पता चला कि जानबूझ कर तथा सुनियोजित तरीके से भ्रामक, अफवाहजनक एवं भड़काऊ फोटो/वीडियो/टेक्स्ट मैसेज इत्यादि डालकर जनता के बीच भय का माहौल पैदा किया जा रहा है।
जिससे विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की संभावना है। मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, ऐसे कुल 30 वीडियो एवं पोस्ट चिन्हित किये गये हैं तथा आर्थिक अपराध इकाई ने भादंवि की धारा-153, 153 (ए), 153 (बी), 505 (1) (बी), 505(1) (सी), 468, 471 एवं 120 (बी) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत रविवार को मामला दर्ज किया गया।
इसमें कहा गया है कि पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी इन मामलों का अनुसंधान कर रहे हैं। इस मामले में जमुई जिला के लक्ष्मीपुर थाना अंतर्गत दिग्घी निवासी अमन कुमार, राकेश तिवारी उर्फ प्रयास न्यूज, ट्विटर यूजर युवराज सिंह राजपूत तथा यूट्यूब चैनल सचतक न्यूज के संचालक मनीष कश्यप के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए पुलिस ने अमन कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने अमन के पास से कई आपत्तिजनक पोस्ट एवं मोबाइल में साक्ष्य पाया है जिसकी अग्रतर जांच की जा रही है। जांच एवं अनुसंधान के क्रम में पाया गया कि प्रसारित किया गया एक वीडियो किसी की हत्या कर लटका दिये जाने का है। सत्यापन तथा जांच से ज्ञात हुआ कि यह किसी के आत्महत्या की पुरानी घटना है, जो बिहार के रहने वाले किसी व्यक्ति से संबंधित नहीं है।
इसी प्रकार प्रसारित किया गया दूसरा वीडियो भी पुरानी घटना से संबंधित है। यह वीडियो झारखण्ड के एक व्यक्ति तथा बिहार के एक व्यक्ति के बीच व्यक्तिगत विवाद को लेकर है। इस घटना का भी तमिलनाडु के किसी व्यक्ति से कोई सरोकार नहीं पाया गया है। बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त असत्य, भ्रामक तथा उन्माद फैलाने वाले वीडियो एवं पोस्ट के पीछे आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी शामिल हैं। आर्थिक अपराध इकाई द्वारा फेसबुक पर नौ, ट्विटर पर 15, यूट्यूब पर 15 तथा जीमेल पर तीन भ्रामक पोस्ट किये जाने के सम्बन्ध में प्रिजर्वेशन नोटिस जारी की गई ताकि संबंधित लिंक और विवादित रिपोर्ट का पूरा साक्ष्य सुरक्षित किया जा सके एवं अनुसंधान के क्रम में विधिवत कार्रवाई की जा सके।