पटना: बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा की बयानबाजी को लेकर मचे घमासान के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ा दावा किया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा इस समय जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं। हालांकि, इसकी कोई औपचारिक घोषणा अभी नहीं हुई है।
जदयू में जारी विवाद के बीच पहली बार ललन सिंह ने कुशवाहा के पद के बारे में कोई टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अगर कुशवाहा पार्टी में मन से रहेंगे और काम करेंगे तो उन्हें फिर यह पद दिया जा सकता है। सिंह सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद अन्य किसी पदधारक का मनोनयन नहीं किया गया है। सवाल पूछा गया कि क्या उपेंद्र कुशवाहा भी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं? उनका जवाब था- हां, अभी वे संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटे हुए हैं। अभी वे पार्टी के विधान परिषद सदस्य हैं। आगे ललन सिंह ने कहा कि अगर पार्टी में मन से काम करेंगे तो फिर संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बन सकते हैं।
उन्होंने तत्काल उपेंद्र कुशवाहा पर किसी अनुशासनिक कार्रवाई की संभावना से इंकार किया। क्या पार्टी उपेंद्र की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने का निर्णय कर सकती है? इस सवाल पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यह विधान परिषद के सभापति का विषय है।
उपेंद्र कुशवाहा ने नहीं दी कोई टिप्पणी
बता दें कि इससे पहले तक यही माना जा रहा था कि उपेंद्र कुशवाहा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा को इसी पदनाम के साथ संबोधित करते थे। खुद उपेंद्र ने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के नाते रविवार को कार्यकर्ताओं के नाम पत्र जारी किया था। हालांकि, कुछ दिन पहले उपेंद्र ने ही संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद को झुनझुना करार दिया था। उधर, उपेंद्र कुशवाहा ने ताजा प्रकरण पर टिप्पणी से इंकार किया।
ललन सिंह ने कुशवाहा के आरोपों को नकारा
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उपेंद्र कुशवाहा के इस आरोप को गलत बताया कि उन्हें राज्यसभा एवं विधान परिषद के सदस्यों के मनोनयन के बारे में जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि मैंने खुद उनके घर जाकर जानकारी दी। बताया कि रवींद्र सिंह और आफाक अहमद खान को विधान परिषद में भेजा जा रहा है। झारखंड जदयू के नेता खीरू महतो राज्यसभा के लिए नामित किए गए हैं। उन्हें यह सच बताना चाहिए।