पटना: सीबीआई द्वारा राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनकी दो बहनों के खिलाफ एक बार फिर जांच शुरू करने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देख लीजिए ये क्या हो रहा हैं। हम लोग साथ आ गए हैं, इसलिए हो रहा हैं। आज मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने ये बात कही। दरअसल केन्द्रीय एजेंसी पर भाजपा का विरोध करने वाली पार्टियां अक्सर आरोप लगाती रही है कि ये केंद्र में शासन करने वाली भगवा पार्टी के हाथों में एक राजनीतिक उपकरण बन गई है। वहीं सीबीआई ने लालू प्रसाद के खिलाफ एक ऐसे मामले की जांच फिर से शुरू कर दी है जिसे उसने पिछले साल बंद कर दिया था।
अविभाजित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद चारा घोटाले के कुछ मामलों में सजा काट रहे हैं। वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं तथा गुर्दा प्रतिरोपण के बाद स्वस्थ होने के लिए वर्तमान में वह सिंगापुर में हैं। प्रसाद 2004-2009 तक रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल से संबंधित भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहे हैं। मौजूदा मामले में उनके अलावा उनके पुत्र तेजस्वी यादव तथा उनकी दो बेटियों रागिनी और चंदा का भी नाम शामिल है।
राजनीतिक रंग देने से कोई असर नहीं पड़ेगा: सुशील मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सत्ता में बने रहने के लिए शराबबंदी, क्राइम और करप्शन से समझौता कर लिया। उन्हें अपने डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव से पूछना चाहिए कि वे मात्र 23 साल की उम्र में बिना किसी व्यवसाय या नौकरी के वे दिल्ली के 30 करोड़ रुपये वाले मकान के मालिक कैसे बन गए?
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बतायें कि दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कालोनी का डी-1088 नबंर का तीन मंजिला करोड़ों का मकान उन्होंने एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के जरिये मात्र 4 लाख रुपये में कैसे हासिल कर लिया?
मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार न केवल तेजस्वी यादव को संरक्षण दे रहे हैं, बल्कि उन्हें नेतृत्व सौंपने की घोषणा कर चुके हैं। यह भ्रष्टचार से समझौता नहीं तो क्या है? सीबीआई ने रेलवे के दिल्ली और मुम्बई (बांद्रा) प्रोजेक्ट के बदले फर्जी कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपये की प्रापर्टी लालू परिवार को देने के मामले में जांच कभी बंद नहीं की थी।
उन्होंने कहा कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामलों की जांच के दौरान सीबीआई को डीएलएफ रिश्वत मामले से जुड़े नये तथ्य मिले हैं। जांच एजेंसी नए सबूतों के आधार पर आगे बढ़ रही है। इस पर राजद के छाती पीटने और राजनीतिक रंग देने से कोई असर नहीं पड़ेगा।