नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को भाजपा सदस्यों ने बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों का मुद्दा उठाया और राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की। जदयू ने मानवाधिकार आयोग से जांच का विरोध किया है। बिहार के पटना साहिब से भाजपा के लोकसभा सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को शून्य काल में मुद्दा उठाते हुए कहा कि छपरा में जहरीली शराब से मरनेवालों का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया।
उन्होंने इसे मानवाधिकार का उल्लंघन बताया। उन्होंने मांग की कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को राज्य का दौरा कर जांच करनी चाहिए, क्योंकि मरने वालों में से कई कम आयु के भी थे। दो अन्य सदस्यों भाजपा के जनार्दन सिंह तथा लोजपा के चिराग पासवान ने भी आरोप लगाया कि बिहार सरकार कुछ तथ्य छिपा रही है। उन्होंने कहा कि छपरा में मरनेवालों की संख्या रोज बढ़ रही है और राज्य सरकार अब तक कोई सख्त कदम उठाने में विफल रही है। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की। इसके बाद भाजपा और जदयू के सदस्यों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की।
उधर जदयू के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत के मामले में जांच करने की बात की है जो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग है।
उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया। भाजपा के कुछ सदस्यों ने उनकी बात का विरोध किया और फिर दोनों के बीच नोकझोंक देखने को मिली।बता दें कि नीतीश सरकार ने जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 38 बताई है, जबकि भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि सौ से अधिक लोगों की मौत हुई है।