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नई दिल्ली: सीबीआई में छिड़ी जंग में अब एक और नया मोड़ आया है। सीबीआई में नंबर एक और नंबर दो अफसर के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद जो अंतर्कलह सामने आयी है, उसमें अब राजनीतिक दलों को भी हमला बोलने का मौका दे दिया है। सीबीआई में मचे संग्राम के बाद केंद्र सरकार द्वारा लंबी छुट्टी पर भेजे गये सीबीआई के टॉप दो अफसरों में स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर एक बार फिर से गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बार उनके ऊपर आरोप न तो सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा ने लगाया है और न ही किसी सीबीआई की अन्य अधिकारी ने, बल्कि राष्ट्रीय जनता दल ने निशाना साधा है।

बिहार के चर्चित सृजन घोटाले को लेकर तेजस्वी यादव ने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राजद के विधायक और प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव का एक ट्वीट को रिट्वीट किया है।

उस ट्वीट में लिखा है- 'ये वही राकेश अस्थाना है, जिसने नीतीश कुमार, सुशील मोदी, एलके आडवाणी से मिलकर लालू जी को साजिशकर्ता बनाया। श्याम बिहारी सिन्हा ने नीतीश कुमार पर रिश्वत लेने का आरोप लगाने के वावजूद नामजद नहीं किया। गोधरा कांड में नरेंद्र मोदी और अमित शाह को मोटी रकम लेकर क्लीन चिट दिया।' बता दें कि शक्ति सिंह यादव हिलसा से विधायक हैं।

इसके अलावा तेजस्वी यादव ने एक अंग्रेजी अखबार की खबर को शेयर किया और लिखा- 'बिग ब्रेकिंग- क्या राकेश अस्थाना ने जीए से एनडीए में स्विच करने के बदले 2500 करोड़ रुपये के सृजन घोटाले से नीतीश कुमार को बचाया था? सीबीआई ने अभी तक सृजन घोटाले के मुख्य दोषी को गिरफ्तार नहीं किया है। सीएम ने राजकोष से 2500 करोड़ सृजन संस्था के अकाउंट में डालकर गबन किया।'

वहीं, चारा घोटाले में जेल की सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी सीबीआई विवाद में सवालों के घेरे में आए राकेश अस्थाना पर निशाना साधा है। लालू यादव ने एक खबर का लिंक शेयर करते हुए ट्वीट किया- 'अरे, लालू की बेटी की शादी में वेन्यू से लेकर कैटरिंग तक सब कुछ था 'फ़्री'! मित्रों, बताओ ऐसे लोगों पर सीबीआई को छापा मारना चाहिए कि नहीं चाहिए? भाईयों-बहनों, मारना चायै ना? मारना चायै ना। मित्रों, फलाना ज़िंदाबाद..ढिमका जिन्दाबाद....भाजपा माता की जय.।'

क्या है राकेश अस्थाना से जुड़ा मामला:

बता दें कि सीबीआई ने अपने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एक एफआईआर दर्ज कराई है। इस एफआईआर में अस्थाना पर मीट कारोबारी मोइन क़ुरैशी के मामले में जांच के घेरे में चल रहे एक कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई में नंबर दो की हैसियत रखने वाले राकेश अस्थाना इस जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख हैं। कारोबारी सतीश सना का आरोप है कि सीबीआई जांच से बचने के लिए उन्होंने दिसंबर 2017 से अगले दस महीने तक क़रीब दो करोड़ रुपए रिश्वत ली।

कौन हैं राकेश अस्थाना 

राकेश अस्थाना 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस हैं। वह पहली बार साल 1996 में चर्चा में आए, जब उन्होंने चारा घोटाला मामले में लालू यादव को गिरफ्तार किया। दूसरी तरफ, 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व भी राकेश अस्थाना ने ही किया था। इसके अलावा वह अहमदाबाद ब्लास्ट और आसाराम केस जैसे तमाम चर्चित मामलों की जांच में शामिल रहे हैं। आपको बता दें कि राकेश अस्थाना को पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई का स्पेशल डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। सीबीआई में यह उनकी दूसरी पारी है। इससे पहले वह अतिरिक्त निदेशक के पद पर काम कर चुके हैं। वडोदरा और सूरत के पुलिस कमिश्नर रहे राकेश अस्थाना को पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का करीबी भी माना जाता है।

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