पटना: मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर पर शिकंजा और कस गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्डरिंग अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज कर संपत्ति जब्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। ईडी अब ब्रजेश ठाकुर व अन्य सभी आरोपितों समेत ब्रजेश के बेटे और पत्नी के खिलाफ शीघ्र सम्मन जारी करेगा। ईडी इस बात की जांच करेगा कि क्या इस कथित आपराधिक गतिविधि के जरिये अवैध धन बनाया गया और काले धन को सफेद किया गया। बीते हफ्ते ब्रजेश ठाकुर को भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया।
इससे पहले वह मुजफ्फरपुर के खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद था। छापेमारी के दौरान उसके वार्ड में कई मोबाइल नंबर मिले थे। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू)ने 12 दिन पहले पीएमएलए-2002 के प्रावधानों के तहत ब्रजेश ठाकुर की 2.65 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजा था। ईडी ने सीबीआई में दर्ज मामले को टेकओवर करते हुए मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। ब्रजेश ठाकुर की जब्त होने वाली प्राेपर्टी में 12 प्लाॅट, होटल व मकान शामिल हैं।
जांच में पाया है कि ब्रजेश ठाकुर ने बालिका गृह, महिला अल्पावास गृह आदि का फर्जी तरीके से संचालन कर सरकार से अनुदान प्राप्त किया। उसने अवैधानिक कार्य करते हुए करीब दो करोड़ 65 लाख 12 हजार रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की। संपत्ति जब्त होने के डर से मुख्य आरोपित के बेटे राहुल आनंद ने मुजफ्फरपुर की 11 कट्ठे महंगी जमीन लगभग दो करोड़ रुपये में बेच दी है। इस जमीन का सौदा ब्रजेश ठाकुर और उसके एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति पर एफआईआर दर्ज होने के बाद हुआ।
यह है मामला:
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौनशोषण कांड का खुलासा मुंबई स्थित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की आॅडिट रिपोर्ट में हुआ था. यह रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को सौंपी गयी थी। मेडिकल जांच के बाद 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। बिहार पुलिस ने मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार किया। बाद में सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। राज्य के सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा पर ब्रजेश ठाकुर के साथ फोन पर बातचीत होने का आरोप लगा तो उनको मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।