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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

पटना: बिहार के चर्चित इंटर टॉपर घोटाले के अभियुक्त अमित कुमार उर्फ बच्चा राय की संपत्ति को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया है। सोमवार को ईडी ने वैशाली जिले के विभिन्न जगहों पर स्थित बच्चा राय की 28 संपत्तियों को अटैच कर लिया है। जिन संपत्तियों को कब्जे में लिया गया है उसमें बच्चा राय द्वारा संचालित ट्रस्ट की संपत्ति शामिल नहीं है। हालांकि बाद में उसे भी कब्जे में लेने की कार्रवाई होगी।

पत्नी, पिता, भाई व भाई की पत्नी के नाम थी संपत्ति

बच्चा राय की जिन 28 संपत्तियों को ईडी ने अपने कब्जे में लिया है उसकी कीमत करोड़ों रुपए आंकी गई है। ये संपत्ति बच्चा राय, उसकी पत्नी, पिता, भाई और भाई की पत्नी के नाम पर थी। इसमें हाजीपुर में जमीन और मकान, भगवानपुर में 13 प्लॉट व मकान, टेहरीकलां में 11 प्लॉट और पातेपुर में दो प्लॉट शामिल हैं। कागज पर इन संपत्तियों की कीमत दो करोड़ रुपए के करीब है। हालांकि बाजार भाव 10 करोड़ से ज्यादा आंकी गई है।

 

बच्चा राय की दो संपत्ति पटना और झारखंड के सरायकेला में है। दोनों जगह मकान हैं। फिलहाल इन संपत्तियों को कब्जे में नहीं लिया गया है। फिलहाल बच्चा राय को इन संपत्तियों का किराया ईडी को देने का निर्देश अदालत की ओर से दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि बीमारी के नाम पर इलाज का हवाला देते हुए बच्चा राय ने कोर्ट से दोनों संपत्तियों को तत्काल कब्जे में नहीं लेने का अनुरोध किया था। मानवता के आधार पर अदालत ने बच्चा राय को कुछ मोहलत देते हुए ईडी को प्रतिमाह किराया देने का निर्देश दे रखा है।

टॉपर घोटाले के बाद सुर्खियों में आया था वर्ष 2016 में

इंटर की परीक्षा में हुए टॉपर घोटाले के बाद बच्चा राय सुर्खियों में आया था। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद की मिलीभगत से कमजोर छात्रों को मैट्रिक और इंटर परीक्षा में टॉपर बनाने के इस मामले में पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के अलावा बच्चा राय और उनसे जुड़े लोगों के नाम सामने आए थे। प्रवर्तन निदेशालय लालकेश्वर प्रसाद समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ भी पीएमएल एक्ट के तहत कार्रवाई कर रहा है।

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