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नई दिल्ली: रेलवे कैटरिंग एवं टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) मामले में अदालत ने सोमवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी व बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ दायर आरेापपत्र पर संज्ञान लिया। प्रवर्तन निदेशालय ने इन आरोपियों के खिलाफ धनशोधन मामले में अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुण भारद्वाज की अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए इन्हें 6 अक्तूबर को पेश होने के निर्देश दिए हैं।

अदालत ने आरोपियों के खिलाफ समन जारी करते हुए कहा है कि जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोपपत्र में प्रथमदृष्टया साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को समन जारी किए जा रहे हैं। यह मामला आईआरसीटीसी होटल का ठेका देने में अनियमितता बरतने का है। आरोप है कि दो होटल का ठेका निजी कंपनियों को दिया गया था। इस ठेके को देते समय नियम व शर्तों को ताक पर रखा गया। इतना ही नहीं इससे आरोपित लोगों को आर्थिक लाभ भी हुआ।

लालू प्रसाद की पेशी के लिए जारी किए गए प्रोडक्शन वारंट

चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए व सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव बहरहाल रांची जेल में बंद हैं। इस मामले की अगली तारीख पर उन्हें दिल्ली की अदालत में पेश करने के लिए अलग से प्रोडक्शन वारंट जारी किए गए हैं। रांची जेल प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि 6 अक्तूबर को लालू प्रसाद यादव को पटियाला हाउस अदालत में पेश किया जाए, ताकि इस मामले की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

यादव परिवार के अलावा अन्य लोग भी हैं आरोपी

जांच एजेंसी ने धनशोधन निवारण कानून के तहत दायर आरोपपत्र में राजद सदस्य पीसी गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, कंपनी लारा प्रोजेक्ट्स और 10 अन्य के भी नाम लिए हैं। इनमें आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पीके गोयल भी शामिल हैं। ईडी ने कहा कि यादव और आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने पुरी और रांची में दो रेलवे होटलों का सब-लीज अधिकार विनय कोचर और विजय कोचर के स्वामित्व वाली कंपनी सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को देने के लिए अपने पदों का कथित तौर पर दुरुपयोग किया। कोचर का पटना में चाणक्य होटल भी है।

एजेंसी के अनुसार, होटलों के सब-लीज के बदले, पटना में एक महंगा भूखंड फरवरी 2005 में डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को सर्किल दरों से काफी कम दर पर स्थानांतरित किया गया था। यह कंपनी पीसी गुप्ता के परिवार के स्वामित्व की है। सांसद गुप्ता राजद प्रमुख के करीबी सहयोगी रहे हैं।

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