पटना: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पुत्री अगले लोकसभा चुनाव में राजद से टिकट मिलने पर अपने पिता के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं। यह दावा यहां शुक्रवार को उनके पति ने किया। अनिल साधु का विवाह पासवान की पुत्री आशा से हुआ है। आशा पासवान की पहली पत्नी से पुत्री हैं। साधु ने लोजपा पर दलितों से बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया और दावा किया कि लोजपा प्रमुख पासवान के खिलाफ उनकी अपनी जाति समूह में काफी नाराजगी है।
साधु ने यहां क्षेत्रीय समाचार चैनलों से बातचीत में कहा कि पासवान ने केवल अपने पुत्र चिराग का समर्थन किया और उन्हें लोकसभा के लिए निर्वाचित कराया तथा पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके पहले विवाह से हुई पुत्रियों से हमेशा अनुचित व्यवहार किया गया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह या उनकी पत्नी पासवान या चिराग के खिलाफ अगले लोकसभा चुनाव में लड़ना चाहेंगे, साधु ने कहा, ''हम दोनों चुनौती लेने के लिए तैयार हैं, बशर्ते लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव हमें टिकट दें।
रामविलास पासवान हाजीपुर (सुरक्षित) सीट से सांसद हैं और उनके पुत्र चिराग पासवान जमुई (सुरक्षित) संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके छोटे भाई रामचंद्र पासवान समस्तीपुर (सुरक्षित) सीट से लोकसभा सांसद हैं। पासवान के एक अन्य भाई पशुपति कुमार पारस नीतीश कुमार कैबिनेट में मंत्री हैं। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक साधु ने पत्रकारों से कहा कि पासवान के खिलाफ लड़ने को लेकर उनकी इच्छा ''पारिवारिक कलह के चलते नहीं बल्कि यह हमारे मान सम्मान की लड़ाई है।
उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि ''वह किसी बीमार रिश्तेदार को देखने के लिए पटना से बाहर हैं। उन्होंने यद्यपि दावा किया कि उनकी पत्नी के विचार भी उन्ही की तरह हैं। आशा पासवान की पहली पत्नी से दो पुत्रियों में सबसे छोटी हैं और वह गृहिणी हैं। साधु ने दावा किया कि उनकी लालू और तेजस्वी दोनों से बात हुई है जिस दौरान उन्होंने अपने ससुर के खिलाफ उस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी।