पटना: मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह बलात्कार कांड में मंत्री और जेडीयू नेता मंजू वर्मा के पति का नाम सामने आने के बाद जहां विपक्ष नीतीश सरकार को घेरने में लगा था, वहीं अब सहयोगी भाजपा ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सीपी ठाकुर ने कहा है कि सीबीआई जांच तक बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। सीपी ठाकुर के बयान से पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।
रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर कांड पर कहा कि जो गड़बड़ करेगा वह अंदर जाएगा। उसको बचाने वाला भी नहीं बचेगा. वह भी अंदर जाएगा। सीपी ठाकुर के इस बयान के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं क्योंकि इससे पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दो पत्र लिखे हैं। साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा।
जेडीयू के एक नेता के मुताबिक यह हमारे लिए 'शर्मिंदगी' की बात है। दूसरी तरफ, राज्यपाल के पत्र के बाद पार्टी में यह चर्चा शुरू हो गई है कि यह सब सिर्फ 'राज भवन' का किया धरा नहीं है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक और नीतीश कुमार एक-दूसरे को दशकों से जानते हैं और जनता दल में करीब एक ही समय रहे हैं।
जदयू नेता कहते हैं कि, 'राजभवन को कलम उठाने पर मजबूर करने की पटकथा कहीं और लिखी गई है। इसके पीछे बिहार भाजपा नहीं है। नीतीश कुमार कैबिनेट में मंत्री सुशील मोदी जैसे नेताओं का सहयोगात्मक रवैया रहा है।' वह कहते हैं कि 'संभव है कि यह दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में हुआ हो।'