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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड पर पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर की घटना को शर्मसार कर देने वाली घटना करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में ऐसी घटना घट गई कि हम शर्मसार हो गये हैं। सीबीआई जांच कर रही है, हाईकोर्ट इसकी मॉनिटिरिंग करें। गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड का मामला बिहार विधानसभा से लेकर देश की संसद तक में गूंज उठा है।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड पर पहली बार सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 'मैं सबको आश्वस्त करना चाहूंगा कि इस मामले में किसी के प्रति उदार रवैया नहीं अपनाई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे कड़ी सजा मिलेगा।' बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका कांड में 44 बच्चियों में से 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हो गई है। इस मामले पर अभी तक विपक्ष का रवैया काफी हमलावर रहा है। नीतीश कुमार जिस कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर की घटना पर दुख जता रहे थे, उस कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा भी मौजूद थीं।

आगे नीतीश ने कहा कि फ़िलहाल सीबीआई जांच चल रही है, लेकिन ऐसे लोगों से जिन्होंने ऐसा पाप किया हैं, उनसे सचेत रहने की अवसायकता हैं। सीएम नीतीश ने कहा कि राज्य में क़ानून का राज्य है और वो किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेंगे।

तेजस्वी ने किया देशव्यापी धरना-प्रदर्शन का आह्वान

राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने चार अगस्त को इसी मामले पर देशव्यापी धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला और उनसे इस मामले पर चुप्पी तोड़ने को लेकर प्रदर्शन करने की बात कही। बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार की फोटो मुख्य आरोपी ब्रजेश कुमार के साथ वायरल हो रही है। हालांकि, नीतीश कुमार ने अभी तक उन तस्वीरों को लेकर कुछ नहीं कहा है, मगर तेजस्वी अपने पिता लालू यादव के साथ ब्रेजश ठाकुर की तस्वीरों पर अपनी सफाई दे चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान 

गुरुवार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था और केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मीडिया की रिपोर्टिंग को लेकर भी खूब फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया को भी फटकार लगाते हुए कहा कि मीडिया इस मामले में इतनी संवेदनहीनता क्यों बरत रहा है। जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि मीडिया बच्चियों की तस्वीरें दिखा रहा है। साथ ही बच्चियों के इंटरव्यू भी ले रहे है, किसी को भी बच्चियों की फ़िक्र नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में वकील अपर्णा भट्ट को एमिकस क्यूरी (अदालत मित्र) बनाया है। वही इस मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।

क्या है मामला 

02 जून को साहू रोड स्थित बालिका गृह में लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का खुलासा हुआ। कल्याण विभाग ने मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की शाखा ‘कोशिश को सूबे के सभी बालिका गृहों की सोशल ऑडिट का जिम्मा दिया था। फरवरी में टीम ने मुजफ्फरपुर के बालिका गृह का गोपनीय निरीक्षण किया था। सरकार को सौंपी रिपोर्ट में संस्था ने कहा कि यहां यौन शोषण और उत्पीड़न होता है। रिपेार्ट को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने आनन-फानन में सभी लड़कियों को यहां से दूसरे बालिका गृह में शिफ्ट करते हुए इसे बंद कर दिया। साथ ही संचालक पर नगर थाना में एफआईआर दर्ज की गई । इसमें पॉस्को सहित कई गंभीर धाराएं लगाई गई। एसएसपी हरप्रीत कौर, आईओ समेत कई वरीय अधिकारी ने जांच की।

रिपोर्ट के अनुसार, सेवा संकल्प व विकास समिति संस्था मुजफ्फरपुर के साहू रोड में बालिका गृह संचालित करती है। निरीक्षण के दौरान टीम ने न केवल लड़कियों से बात की, बल्कि स्थानीय लोगों से भी जानकारी ली। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां की स्थिति भयावह थी। यहां रहने वाली बालिकाओं के साथ दुर्व्यवहार, हिंसा व यौन प्रताड़ना दी जाती है। पीड़ित लड़कियों ने अपनी पीड़ा टीम के सदस्यों के सामने रखी। सूत्रों के अनुसार, सौंपी गई रिपोर्ट में और कई गंभीर आरोप लगाए गए।

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