पटना: बिहार के पटना में एनडीए के महाभोज में गुरुवार को गठबंधन के घटक दलों की एकजुटता दिखी। आठ साल बाद ऐसा नजारा दिखा, जिसमें केवल रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को छोड़ अन्य सभी दलों के बड़े नेता इकट्ठा हुए। खास बात यह रही कि राजनीति की जगह भोज और आपसी तालमेल की बातचीत होती रही. सभी दलों के नेता एनडीए की एकजुटता को कायम रहने की भविष्यवाणी करते नजर आये। साथ ही सभी ने एनडीए में किसी तरह के फूट से साफ-साफ इंकार किया।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एनडीए के सभी घटक दल एकजुट हैं और कहीं कोई मतभेद नहीं है। वहीं, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद अश्विनी चौबे ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। कोई नाराज नहीं है। उधर, रालोसपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा का विमान छूट जाने की वजह से वे नहीं आ पाये। उन्होंने इस सहभोज में पार्टी के अन्य नेताओं को शामिल होने के लिए कहा है।
बिहार में एनडीए के नेतृत्व के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केवल डेढ़ फीसदी वोट बैंक वाला मुख्यमंत्री बनेगा और दस फीसदी वाला सड़क पर टहलेगा, ऐसा नहीं चलेगा। सीटों का बंटवारा घटक दलों का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।
वहीं, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि यहां एनडीए में चार दल शामिल हैं। इसलिए इस बार इस सहभोज में ज्यादा भीड़ भाड़ दिख रही है। सीटों के बंटवारा के बारे में उन्होंने कहा कि अनेक ऐसे अवसर आये हैं, जब सहयोगी दलों के साथ मिल बैठ कर सहमति बनी है। इस बार भी ऐसा ही होगा। नागमणि के बयान पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अलग-अलग पार्टियों की राय अलग-अलग होती है। लेकिन, इस वक्त नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और बिहार में एनडीए का चेहरा हैं।
उधर, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने कहा कि एनडीए में सब कुछ ठीक है। जबकि पत्रकारों से बातचीत करते हुए जदयू के महासचिव श्याम रजक ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अभी लंबा वक्त है। लेकिन, हमारी पार्टी सभी सीटों की तैयारी करेगी ताकि चुनाव के साथ सहयोगियों के साथ मिल कर भी हम मजबूती से चुनाव लड़ सकें। उन्होंने कहा कि जदयू भिखारी नहीं, मजबूत संगठन है। सीट शेयरिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि सूबे की 25 लोकसभा सीटों पर हमारा हक है। बिहार की जनता भी यही सोच रही है।