नई दिल्ली: बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। एक साल पहले भाजपा का पुन: दामन थामने वाली जदयू ने अभी से 25 लोकसभा सीटों पर दावा ठौक कर एनडीए घटक दलों के बीच खींचतान की शुरूआत कर दी है।
सूबे में एनडीए के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि सुशील मोदी बताएं क्या नीतीश जी बिहार में नरेन्द्र मोदी से बड़े और ज़्यादा प्रभावशाली नेता हैं? उन्होंने कहा कि नीतीश जी के प्रवक्ता सुशील मोदी क्या अब भी जेडीयू के हाथों अपने सबसे बड़े नेता को बेइज़्ज़त कराते रहेंगे? नीतीश जी ने कहा था उन्होंने सुशील मोदी के कहने पर भोज से मोदी जी की थाली खींची थी।
उधर, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि लोग हमारी चिंता छोड़ दें। एनडीए गठबंधन की राजनीति नीतीश और मोदी जी को करने दें। आपको बता दें कि रविवार को जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं ने एक बैठक की। इस बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई। बैठक के बाद जेडीयू नेता पवन वर्मा ने कहा कि गठबंधन में सभी दलों का सम्मान होना चाहिए, हालांकि उन्होंने ये साफ़ किया कि अभी भाजपा से इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है।
वहीं बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि एनडीए के पास अब दो चेहरे- पीएम मोदी और नीतीश कुमार। उन्होंने कहा कि नीतीश जी हमारे बड़े भाई हैं और दिल मिला अब सीट कौन-सी बात है। दरअसल, जेडीयू नेता पवन वर्मा ने बिहार में जेडीयू को भाजपा का बड़ा भाई बताया था।
आपको बता दें कि 7 जून को बिहार एनडीए की बैठक होने वाली है। हालांकि इसका मुद्दा सीट बंटवारे से जुड़ा नहीं है। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं, जिसमें से 22 सीटें भाजपा के पास हैं। 6 सीटें रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और 3 सीटें उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के पास हैं। जबकि जेडीयू के पास सिर्फ़ दो सीटें हैं। लिहाजा सूबे में सीटों के बटबारे को लेकर एनडीए में खींचतान स्वाभाविक है।
वहीं दूसरी तरफ यूपीए में ज्यादा सिर फुटव्वल की संभावना काफी कम है। यहां मुख्य रूप से आारजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों का बटवारा होना हैं। संभव है सूबे में वामपंथी यूपीए के पाले में खुले तौर पर खड़े नजर आ सकते हैं।