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पटना: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन राव भागवत बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर मंगलवार को पटना पहुंचे, जहां कार्यकतार्ओं ने उनका भव्य स्वागत किया। इस बीच, उनके बिहार आगमन को लेकर सियासी पारा गर्म हो गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं। भागवत के पटना हवाईअड्डे पहुंचने पर कार्यकतार्ओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद वह कड़ी सुरक्षा के बीच संघ कार्यालय पहुंचे।

भागवत यहां कुछ देर आराम करने के बाद शाम को नवादा रवाना हो जाएंगे। आरएसएस प्रमुख नवादा में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद वह 25 मई को फिर पटना पहुंचेंगे और फिर वह बिहार से प्रस्थान कर जाएंगे। भागवत के बिहार दौरे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सत्ता पक्ष पर जोरदार निशाना साधा है।

राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आखिर कैसी मजबूरी है कि नीतीश कुमार अपने राजनीति के सिद्धांतों को तिलांजलि दे रहे हैं। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी व अमित शाह के नेतृत्व में सांप्रदायिक राजनीति हो रही है, जिसका समर्थन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने अपनी विचारधारा को त्याग दिया है।

राजद विधायक एज्या यादव ने कहा कि मोहन भागवत पिछली बार की ही तरह तनाव फैलाने बिहार आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बार उनके आगमन के बाद रामनवमी में खुलेआम तलवार बांटी गई थीं और बिहार में कई स्थानों पर सांप्रदायिक दंगे हुए थे। इस बार वह क्या करेंगे?

इधर, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, आरएसएस देश की सांस्कृतिक धरोहर है। आरएसएस पर किसी को अंगुली उठाने का नैतिक बल नहीं है जद (यू) प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा, राजद के लोगों को कोई काम नहीं है, इसलिए ऐसी बेकार की बातें करते हैं। भारत में कोई कहीं भी आने-जाने को स्वतंत्र है। भागवत पहली बार बिहार नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि राजद तुष्टिकरण की राजनीति करता है, परंतु जिसके लिए करता है, उसे ही वह घर में स्थान नहीं देता।

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