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श्योपुर: केंद्रीय कृषि मंत्री और स्थानीय भाजपा सांसद नरेंद्र सिंह तोमर को शनिवार को मध्यप्रदेश के बाढ़ प्रभावित श्योपुर शहर में स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। श्योपुर शहर में अमराल और सीप नदियों में अभूतपूर्व बाढ़ की स्थिति के कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने केंद्रीय मंत्री के काफिले को रोकने की कोशिश की, उनके काफिले पर काले झंडे, झाड़ू और कीचड़ फेंका।

गुस्साए लोगों ने स्थानीय सांसद व कृषि मंत्री तोमर का स्वागत करने के लिए नहीं बल्कि स्थानीय प्रशासन द्वारा स्थिति के कुप्रबंधन का विरोध करने के लिए ताली  बजाई। प्रदर्शन में ज्यादातर गणेश बाजार क्षेत्र (श्योपुर शहर का मुख्य बाजार) के व्यापारी और परिवार शामिल थे। सभी ने बताया कि उनकी दुकानों में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण भारी नुकसान हुआ है।

तोमर को धक्का देने की भी कोशिश
जब केंद्रीय मंत्री का काफिला श्योपुर कस्बे के मुख्य बाजार से गुजर रहा था तब प्रदर्शनकारी न केवल सड़कों पर उतर आए, बल्कि भीड़-भाड़ वाली सड़कों से गुजरते हुए तोमर को धक्का देने की भी कोशिश की।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पिछले सौ साल में दुनिया पर आई सबसे भयंकर विपदा कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान सरकार ने 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन मुहैया कराया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाई) के मध्य प्रदेश के लाभार्थियों को वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश में पांच करोड़ लोगों को और देश में 80 करोड़ लोगों को कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान मुफ्त राशन प्रदान किया गया।

प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के सतना, होशंगाबाद, बुरहानपुर और निवाड़ी के लाभार्थियों से सीधे बातचीत कर यह भी जाना कि उन्हें मुफ्त राशन मिला या नहीं अथवा राशन मिलने में किसी तरह की दिक्कत का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने लोगों से अन्य योजनाओं से मिलने वाले लाभ को

भोपाल: मध्य प्रदेश में ग्वालियर-चंबल के इलाके में बारिश ने कहर बरपा दिया है। बांधों के गेट खोलने से सिंध और सीप नदी ने भारी तबाही मचाई है। आलम ये है दो दिनों में 6 पुल ढह चुके हैं, जिनमें से 4 का निर्माण पिछले 10-11 साल में ही हुआ था। सरकार ने अब इस मामले में जांच के लिये कमेटी बनाई है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच और जवाबदेही तय करने की मांग की है। मंगलवार को सिंध नदी के तेज पानी में रतनगढ़ वाली माता मंदिर का पुल टूटा तो बुधवार को दतिया जिले में सिंध नदी पर बना सेंवढ़ा पुल बह गया। 3 दिनों में भारी बारिश में मध्यप्रदेश में 33.55 करोड़ रुपये के पुल बह गये।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट पर लिखा प्रदेश के दतिया ज़िले में बारिश से रतनगढ़, लांच के बाद अब सनकुआं के पुल बहने की घटना बेहद गंभीर व चिंताजनक? कुछ ही वर्षों पूर्व, करोड़ों की लागत से बने यह पुल बारिश के पानी में पत्ते की तरह बह गये। कैसा निर्माण कार्य? इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो, जवाबदेही तय हो।

भोपाल: मध्य प्रदेश में बाढ़ की स्थिति विकराल बनी हुई है। सात जिलों के करीब सैकड़ों गांव इससे त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। राज्य के शिवपुरी, दतिया, श्योपुर, भिंड, ग्वालियर, गुना और मुरैना जिलों के कुल 1225 गांव बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन जिलों से अब तक 5800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि करीब 1400 लोग अभी भी बाढ़ में फंसे हुए हैं।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में एसडीआरएफ की 29 टीमें, एनडीआरएफ की 3 टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी और श्योपुर जिलों के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में सेना की 4 टुकड़ियां लोगों को बचा रही हैं। वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने भी बचाव कार्य फिर से शुरू कर दिया है।

दतिया जिले में पिछले 24 घंटों में सिंध नदी के उफान की वजह से तीन पुल बह गए हैं। इससे दतिया का ग्वालियर जिले से सड़क संपर्क टूट गया है। नवीनतम पुल जो बह गया वह सेवड़ा क्षेत्र में था। दूसरे पुल में दरार के कारण एनएच-3 भी बंद है।

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