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भोपाल: मध्यप्रदेश के आलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी को लेकर घमासान शुरू हो गया है। रविवार को पूर्व विधायक सुलोचना रावत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं। भाजपा उन्हें मैदान में उतारने जा रही है। इसे लेकर पार्टी के निष्ठावान व पुराने कार्यकर्ताओं में रोष है। जिला भाजयुमो अध्यक्ष ने तो निर्दलीय मैदान में उतरने का एलान कर दिया है।

कांग्रेस की पूर्व विधायक सुलोचना रावत व उनके पुत्र विशाल रावत ने कांग्रेस को झटका देते हुए रविवार को भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया। माना जा रहा है कि रावत को जोबट से भाजपा प्रत्याशी बनाया जा सकता है। सुलोचना रावत मध्यप्रदेश की प्रभावशाली आदिवासी नेता हैं। कांग्रेस जोबट से पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ. विक्रांत भूरिया को मैदान में उतारने जा रही है।

भोपाल: खंडवा लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के सशक्त उम्मीदवार माने जा रहे पूर्व मंत्री अरुण यादव ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। इस बारे में उन्होंने पार्टी आलाकमान को पत्र भी लिखा है। पत्र में उन्होंने अपने चुनाव न लड़ने के कारणों का स्पष्टीकरण भी दिया है इसमें लिखा है कि वह पारिवारिक कारणों से चुनाव का हिस्सा नहीं बन पा रहे। 

अरुण यादव के चुनाव में न लड़ने के फैसले से कांग्रेस में घमासान मच गया है। दरअसल पिछले काफी लंबे समय से अरुण यादव क्षेत्र में सक्रिय थे और पार्टी में का टिकट लगभग पक्का माना जा रहा था। पत्र देकर अरुण यादव इंदौर लौट आए।

वहीं अब कांग्रेस हाईकमान को नया उम्मीदवार का चयन करना होगा। क्षेत्र में सक्रियता के कारण अरुण यादव का टिकट पक्का था लेकिन उन्होंने दावेदारी छोड़ने की पुष्टि करते हुए बताया कि वे पारिवारिक कारणों से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इसकी जानकारी सोनिया गांधी को दे दी है।

भोपाल: देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जहां लोग मुहिम चला रहे हैं वहीं कुछ ऐसे नेता हैं जो खुलेआम इसे बढ़ावा दे रहे हैं। ताजा मामला है मध्यप्रदेश के दमोह की पथरिया विधानसभा सीट से बसपा विधायक राम बाई सिंह लोगों द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत पर उन्हें उल्टा ज्ञान देने लगीं। उन्होंने कहा कि अगर कोई एक हजार रुपये तक रिश्वत लेता है तो कोई बुराई नहीं है लेकिन इससे अधिक लेना सही नहीं रहेगा।

दरअसल, मध्यप्रदेश के जिले दमोह में सतऊआ गांव के कुछ लोग पीएम आवास योजना में अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने की शिकायत लेकर बसपा की चर्चित विधायक राम बाई सिंह के पास पहुंचे थे। लोगों को उम्मीद थी कि कोई सुनवाई होगी लेकिन विधायक राम बाई उल्टा ज्ञान देने लगीं। गांव वालों का आरोप था कि अधिकारियों द्वारा 5 से 10 हजार रुपये तक रिश्वत ली जाती है। इसी के बाद विधायक राम बाई ने कहा कि थोड़ा-बहुत तो चलता है, लेकिन किसी गरीब से हजारों रुपये नहीं लेने चाहिए। अगर एक हजार रुपये भी लेते हैं, तो चलता लेकिन सवा लाख के घर में पांच-दस हजार की रिश्वत लेना गलत है।

नई दिल्ली: भाजपा की वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी पर दिए बयान पर अब सफाई दी है। उन्होंने ब्यूरोक्रेसी यानी नौकरशाही को चप्पल उठाने वाली बताया था। बयान का वीडियो वायरल होने के बाद उमा भारती ने कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मुझे रंज है की, मैंने असंयत भाषा का इस्तेमाल किया, जबकि मेरे भाव अच्छे थे। मैंने आज से यह सबक़ सीखा की सीमित लोगों के बीच अनौपचारिक बातचीत में भी संयत भाषा का प्रयोग करना चाहिये।

उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी पर दिए बयान पर कहा कि जबकी सच्चाई यह है की ईमानदार ब्यूरोक्रेसी सत्ता में बैठे हुए मज़बूत, सच्चे एवं नेक इरादे वाले नेता का साथ देती हैं। यही मेरा अनुभव है। हम नेताओ में से कुछ सत्ता में बैठे निक्कमे नेता अपने निकम्मेपन से बचने के लिये ब्यूरोक्रेसी की आड़ ले लेते हैं की “हम तो बहुत अच्छे हैं लेकिन ब्यूरोक्रेसी हमारे अच्छे काम नहीं होने देती।”

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