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भोपाल: आईआरसीटीसी की रामायण एक्सप्रेस में वेटरों को साधुओं की वेशभूषा पहनाए जाने पर संत समाज ने आपत्ति जताई है। उज्जैन के स्वस्तिक पीठाधीश्वर और उज्जैन के अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री डॉ.अवधेशपुरी महाराज ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने इस बारे में रेल मंत्री अश्विन वैष्णव को चिट्ठी लिखी है। इसमें वेटरों की वेशभूषा तुरंत बदलने की मांग की गई है। साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर ड्रेस नहीं बदली गई तो रामायण एक्सप्रेस को चलने नहीं दिया जाएगा।

रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में रेस्टोरेंट में इस तरह से हिंदू संतों का अपमान न किया जाए। हिंदू संत के वेशभूषा में लोगों का जूठन उठाना बंद किया जाए । वैसे उम्मीद नही है कि कोई ब्राह्मण नेता मुँह खोलेगा पर यह उनके लिए भी लिटमस टेस्ट है। कुर्सी के लिए इतना तो ना गिरो।

गौरतलब है कि आईआरसीटीसी ने सात नवंबर से रामायण एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की है। इसमें श्रद्धालुओं को अयोध्या, चित्रकूट समेत भगवान राम से जुड़े धार्मिक स्थलों की यात्रा कराई जा रही है।

आईआरसीटीसी की इस ट्रेन का एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

जबलपुर: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती में 27% ओबीसी आरक्षण देने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में 14% ओबीसी आरक्षण देने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। इससे पहले हाईकोर्ट ने प्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण लागू करने पर रोक लगाई थी। इसके बाद भी राज्य सरकार ने उच्च-माध्यमिक शिक्षक पदों के चयन में 27% ओबीसी आरक्षण तथा 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया है।

इसके खिलाफ राजस्थान निवासी याचिकाकर्ता प्रवल प्रताप सिंह सहित 11 अन्य ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि जब हाईकोर्ट ने 27% ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा रखी है तो राज्य सरकार स्कूल शिक्षा विभाग की नियुक्तियों में आरक्षण कैसे दे सकती है। याचिकाकर्ता ने कहा था कि सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता के अभिमत का हवाला देते हुए सर्कुलर जारी किया था। इसमें कहा गया था कि हाईकोर्ट ने जिन प्रकरणों में रोक लगाई है।

भोपाल: मध्यप्रदेश का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला विश्वस्तरीय मॉडल स्टेशन है। जहां अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की तर्ज पर यात्रियों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई गईं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इस स्टेशन का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया और आज के दिन को भोपाल, मध्यप्रदेश और देश के लिए अहम बताया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब लोगों ने रेलवे की सुविधाओं में सुधार की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन हम उन उम्मीदों को पूरा करने का काम कर रहे हैं।

मोदी ने कहा कि बीते सात वर्षों में हर साल औसतन ढाई हजार किमी ट्रैक कमीशन किया गया है। इससे पहले के वर्षों में यह 1500 किमी के आसपास ही होता था। रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण की रफ्तार पांच गुना तक बढ़ गई है। देश के मजबूत होते रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर का लाभ किसानों, छात्रों, व्यापारियों और उद्यमियों को होता है। अब किसान रेलवे के जरिए अपनी उपज देश के कोने-कोने में भेज सकते हैं, रेलवे उन्हें इसमें छूट भी दे रहा है।

भोपाल: भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की कवायद शुरू हो गई है। इस संबंध में केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा गया है। स्टेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से भेजी गई सिफारिश में कहा गया है कि भोपाल पर 16 वीं शताब्दी में गोंड शासकों का शासन था। गोंड रानी कमलापति की याद को बरकरार रखने के लिए हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम उनके नाम पर कर दिया जाए। ऐसा माना जाता है कि गोंड राजा सूरज सिंह शाह के पुत्र निजामशाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था। रानी ने पूरे जीवनकाल में बड़े ही बहादुरी के साथ आक्रमणकारियों का सामना किया था। वहीं सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित अन्य नेताओं ने स्टेशन का नाम पूर्व पीएम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी पर करने की मांग की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय सम्मेलन में शामिल होने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल आ रहे हैं। वह देश के पहले पीपीपी मॉडल पर बने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे, जिसका पुनर्निमाण जर्मनी के हीडलबर्ग रेलवे स्‍टेशन की तर्ज पर करने का दावा है।

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