ताज़ा खबरें
एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया
कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

भोपाल: मध्य प्रदेश के खरगौन शहर में रविवार को रामनवमी के जुलूस पर भड़की हिंसा के बाद शहर के तीन क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जुलूस के दौरान उपद्रवियों द्वारा पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं, जिसमें कुछ वाहनों को आग लगा दी गई। इस घटना के बाद प्रशासन ने शहर के तीन क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है, जबकि पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं।

पथराव में खरगौन के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी एवं दो अन्य पुलिसकर्मियों सहित कुछ आम नागरिक घायल हुए हैं। खरगौन के जिलाधिकारी अनुग्रह पी. ने कहा कि पूरे शहर में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘तालाब चौक एवं टवडी सहित शहर के तीन इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।''

जानकारी के अनुसार राम नवमी पर निकाले जा रहे जुलूस की शुरुआत में ही अल्‍पसंख्‍यक बहुल क्षेत्र से पथराव किया गया। इसमें तीन से चार लोगों के घायल होने की प्राथमिक सूचना मिली है। इनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

नई दिल्ली: मध्‍य प्रदेश के बेहद चर्चित व्‍यापम घोटाले के पेपर लीक मामले में व्हिसल ब्‍लोअर डॉ. आनंद राय को मध्‍य प्रदेश पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्‍ली से गिरफ्तार किया है, जिसके बाद उन्‍हें भोपाल लाया जाएगा। इस बारे में डॉ. आनंद राय ने खुद सोशल मीडिया के जरिये जानकारी दी है। साथ ही उन्‍होंने अपने सभी कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से भोपाल पहुंचने की अपील की है। आनंद राय व्‍यापम घोटाले को बेनकाब करने में अहम भूमिका निभाने वाले हैं। हाल ही में इनके द्वारा भेजा गया एमपी टीईटी के प्रश्‍नपत्र का स्‍क्रीन शॉट काफी वायरल हुआ था।

डॉ. आनंद राय ने अपनी गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया के जरिये लोगों को जानकारी देते हुए लिखा, मुझे दिल्‍ली के होटल से क्राइम ब्रांच भोपाल ने हिरासत में ले लिया है। सभी कार्यकर्ता शुभचिंतक भोपाल पहुंचे।

कुछ दिनों पहले मध्‍य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का एक स्‍क्रीन शॉट वायरल हुआ था, जिसमें लक्ष्‍मण सिंह का नाम दिख रहा था। इसी स्‍क्रीन शॉट को सोशल मीडिया पर डॉ. आनंद राय और कांग्रेस के नेता के. के. मिश्रा ने पोस्‍ट किया था।

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में भगवा झंडा विवाद की वजह बन गया। एक दावे के मुताबिक हुआ ये कि बड़े फुहारे पर लगे भगवा झंडे को उतारकर नगर निगम टीम कूडे वाली गाड़ी में डालकर ले गई। जिसके बाद हिंदू संगठन आक्रोश में आ गए। उन्होंने रोष में आकर निगम कर्मियो को मौके से खदेड़ा। साथ ही नगर निगम कर्मचारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

इस बारे में विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यकर्ता ने कहा कि वो हिंदू नव वर्ष के मौके पर जगह-जगह पर भगवा झंडे लहरा रहे थे, जैसा कि हर साल होता है। लेकिन नगर निगम द्वारा इसका विरोध किया गया। झंडे निकालकर उन्हें कचरा गाड़ियों में रखा जा रहा है। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं और इसलिए हमने चक्का जाम किया है।

भगवा झंडे को लेकर हुआ ये विवाद पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया। एक तरफ जहां हिंदू संगठनों का दावा है कि वो नगर निगम के झंडे हटाने का विरोध कर रहे हैं। वहीं अभी तक इस मामले में नगर निगम के जवाब के बारे में कुछ मालूम नहीं हो सका।

भोपाल: कोरोना से लड़ने वाले वो योद्धा जो मरीजों की सैंपलिंग, टेस्टिंग से इलाज में जुटे थे उनके लिए अब सरकार के पास बजट नहीं है। कोविड में जब हम सब डरे हुए थे, तब स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा अस्थायी चिकित्साकर्मियों ने संभाला। हालांकि अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने बजट न होने का हवाला देते हुए कोरोना काल में सेवाएं देने वाले डॉक्टरों सहित सभी अस्थायी कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। ऐसा उस राज्य में जहां डॉक्टरों के आधे से ज्यादा पद खाली हैं, जहां सरकार ने हर साल दो लाख युवाओं को रोजगार देने, 5 साल में एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वायदा किया है।

31 मार्च से पूरे मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में रखे गए अस्थायी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्‍टॉफ घर पर बैठ गए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से आया आदेश साफ कहता है कि इनके मानेदय के लिए अब बजट नहीं है, ऐसे में इनकी सेवाएं समाप्त होती हैं। शरीर पर सफेद एप्रिन और गले में स्‍टेथेस्‍कोप साथ में ढेर सारी फिक्र। डॉ चंचल शर्मा कोरोना काल में अस्थायी चिकित्सक के तौर पर नियुक्त किए गए थे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख