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ग्वालियर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित किया। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने इस कार्यक्रम में हिन्दुओं को एकजुट रहने और हिन्दुत्व के बारे में कई बातें कहीं। मोहन भागवत ने कहा, आप देखेंगे कि हिन्दुओं की संख्या कम हो गई है। हिन्दुओं की ताकत कम हो गई है। हिन्दुत्व का भाव कम हो गया है। अगर हिन्दू को हिन्दू रहना है तो भारत को अखंड रहना ही पड़ेगा। अगर भारत को भारत रहना है तो हिन्दू को हिन्दू रहना ही पड़ेगा।

आरएसएस प्रमुख ने भारत-पाक बंटवारे पर निशाना साधते हुए कहा कि हिन्दू के बिना भारत नहीं, भारत के बिना हिन्दू नहीं रहेगा, भारत हिन्दुस्तान है, भारत और हिन्दू अलग हो नहीं सकते। उन्होंने हिन्दू राष्ट्र का नाम न लेकर भी साफ कहा कि भारत को भारत रहना है तो भारत को हिन्दू रहना ही पड़ेगा, हिन्दू को हिन्दू रहना है तो भारत को एकात्म अखंड रहना ही होगा। हिन्दू समाज मनुष्यों का बना है, मनुष्यों को ध्यान रखना पड़ता है, देखो भारत नहीं रहा तो हम नहीं रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी देख लो जो अखंड भारत में था जो आज नहीं है।

उन्होंने इशारे ही इशारे में धार्मिक जनसंख्या का जिक्र करते हुए कहा कि अपने देश में देख लो कहां-कहां सामाजिक और आर्थिक अस्थिरता है? कहां-कहां देश की अखंडता और एकात्मता को खतरा है? कहां कहां पर सामाजिक और आर्थिक समस्याएं तगड़ी हैं? आप देखेंगे हिंदुओ की संख्या व शक्ति कम हो गई या हिंदुत्व के भाव कम हो गया है।

सर संघचालक ने ये बातें संघ से जुड़े दैनिक स्वदेश के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया। भागवत रविवार शाम उस्ताद अमजद अली खां के पैतृक निवास में उनके पिता की स्मृति में बने उस्ताद हाफिज अली खान स्मृति सरोद घर का अवलोकन कर सकते है। इस दौरान अमजद अली खां के सपरिवार मौजूद रहने की संभावना है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत शुक्रवार को मध्य प्रदेश में ग्वालियर शहर पहुंचे थे. भागवत यहां चार दिनी ‘घोष शिविर' में शामिल हो रहे हैं। संघ के मध्य भारत प्रांत के संघचालक अशोक पांडे ने कहा कि यह चार दिवसीय प्रांतीय स्वर साधक संगम (घोष शिविर) 25 नवंबर को सरस्वती शिशु मंदिर केदारधाम परिसर ग्वालियर में शुरू हुआ है।

मोहन भागवत भारत, हिन्दुत्व और हिन्दू धर्म को लेकर पहले भी अपनी राय प्रकट करते रहे हैं। इसको लेकर विपक्षी दलों और बुद्धिजीवियों की ओर से मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आई है। हालांकि एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी उनके हिन्दुत्व को लेकर बयानों की तीखी आलोचना करते रहे हैं।

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