भोपाल: खंडवा लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के सशक्त उम्मीदवार माने जा रहे पूर्व मंत्री अरुण यादव ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। इस बारे में उन्होंने पार्टी आलाकमान को पत्र भी लिखा है। पत्र में उन्होंने अपने चुनाव न लड़ने के कारणों का स्पष्टीकरण भी दिया है इसमें लिखा है कि वह पारिवारिक कारणों से चुनाव का हिस्सा नहीं बन पा रहे।
अरुण यादव के चुनाव में न लड़ने के फैसले से कांग्रेस में घमासान मच गया है। दरअसल पिछले काफी लंबे समय से अरुण यादव क्षेत्र में सक्रिय थे और पार्टी में का टिकट लगभग पक्का माना जा रहा था। पत्र देकर अरुण यादव इंदौर लौट आए।
वहीं अब कांग्रेस हाईकमान को नया उम्मीदवार का चयन करना होगा। क्षेत्र में सक्रियता के कारण अरुण यादव का टिकट पक्का था लेकिन उन्होंने दावेदारी छोड़ने की पुष्टि करते हुए बताया कि वे पारिवारिक कारणों से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इसकी जानकारी सोनिया गांधी को दे दी है।
उन्होंने रविवार को ट्वीट किया था कि आज कमलनाथ जी, मुकुल वासनिक जी से दिल्ली में व्यक्तिगत तौर पर मिलकर अपने पारिवारिक कारणों से खण्डवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी प्रत्याशी न बनने को लेकर लिखित जानकारी दे दी है, अब पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी मैं उनके समर्थन में पूर्ण सहयोग करूंगा।
अरुण यादव ट्वीट करते हुए लिखा था कि मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद, वक्त-बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं, मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर, रुबरू होने पर सलाम किया करते हैं। इससे शायरी के जरिए शायद उन्होंने पार्टी के मौजूदा हालातों को बयां किया था।
दो दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का सोशल मीडिया पर अरुण यादव को शुभकामनाएं दे दी थी। माना जा रहा था कि अरुण यादव का नाम लगभग फाइनल हो चुका है, लेकिन इसके तत्काल बाद बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा का बयान सामने आया था। इसमें शेरा कहा था कि अरुण यादव को नहीं, मुझे टिकट मिलेगा।