भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और चांचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने कलेक्टर को लेकर विवादित बयान दिया है। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि कलेक्टर की औकात क्या है? तुम्हारे जैसे कई कलेक्टर आए और चले गए और कई आएंगे। महंगाई के खिलाफ पदयात्रा निकालने की अनुमति नहीं देने पर विधायक लक्ष्मण सिंह ने कलेक्टर पर निशाना साधा। शनिवार को महंगाई के मुद्दे पर मधुसूदनगढ़ में निकाली गई पदयात्रा को लिखित अनुमति न देने पर वह भड़क गए ।
गौरतलब है कि शनिवार को चांचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह की अगुआई में महंगाई के खिलाफ 15 किमी की पदयात्रा निकाली गई थी। मधुसूदनगढ़ इलाके के उकावद गांव के ढोका मंदिर से यह यात्रा शुरू हुई और यहीं पर समापन किया गया। कलेक्टर से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद इस पदयात्रा में पूर्व मंत्री और राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह भी शामिल हुए। पदयात्रा के समापन के मौके पर राघौगढ़ के विधायक जयवर्धन सिंह और उनके चाचा विधायक लक्ष्मण सिंह ने भाजपा सरकार और जिला प्रशासन पर जमकर निशाना साधा।
इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा को सभा की अनुमति दे दी जाती है। तब कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है, लेकिन कांग्रेस की रैली या फिर किसानों की आवाज उठाने पर कोरोना फैलता है। लक्ष्मण सिंह ने समापन कार्यक्रम को संबोधित करतु हए कहा कि चीफ सेक्रेटरी, कलेक्टर, एसडीएम, जनपद सीईओ ये सभी जनता के नौकर हैं, जनता मालिक है। यह लोकतंत्र खून बहाकर हासिल किया है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक भी भाजपा के लोग बाहर नहीं निकले थे। इस इतिहास को कई भाजपा के नेताओं ने स्वीकार किया है। भाजपा से डरने की जरूरत नहीं है और न ही अधिकारियों से। स्वतंत्रता संग्राम से पहले भाजपाई अंग्रेजों के गुर्गें थे।
एक एसडीएम पहले किसी की नहीं सुनता था
लक्ष्मण सिंह ने कहा कि एक एसडीएम आया था, जो किसी की बात नहीं सुनता था। वह अब बिल्कुल ठीक हो गया है। अब हमारी पार्टी का कोई आदमी जाता है, तो कहता है कि साहब चाय पीजिए। अब यही हम राघौगढ़ में चाहते हैं कि कांग्रेस के व्यक्ति और जनता का स्वागत अधिकारी खड़े होकर करें।