इंदौर: मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में एक महिला न्यायाधीश को उनके जन्मदिन पर एक वकील ने ‘अशोभनीय बधाई संदेश’ भेजे। इस पर पुलिस ने वकील को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल में बंद आरोपी ने अब जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि रतलाम की जिला अदालत के एक प्रणाली अधिकारी (सिस्टम ऑफिसर) द्वारा आठ फरवरी को पेश लिखित शिकायत पर एक वकील के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (दस्तावेजों की जालसाजी) और अन्य धाराओं के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत शहर के स्टेशन रोड थाने में मामला दर्ज किया गया था।
देर रात ई-मेल पर भेजा संदेश, डीपी डाउनलोड कर की जालसाजी
वकील पर इल्जाम है कि उसने रतलाम की महिला न्यायाधीश के जन्मदिन के मौके पर उनके सरकारी ई-मेल पर 28 जनवरी को देर रात ‘अशोभनीय बधाई संदेश’ भेजा, जबकि वह आरोपी को जानती तक नहीं हैं।
अधिकारियों के मुताबिक वकील पर यह आरोप भी है कि उसने महिला न्यायाधीश के फेसबुक खाते से उनकी डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) डाउनलोड की और जालसाजी के जरिये ग्रीटिंग कार्ड बनाने में इसका दुरुपयोग किया।
स्पीड पोस्ट से भी भेजा ग्रीटिंग कार्ड
अधिकारी ने बताया कि इस ग्रीटिंग कार्ड पर कथित रूप से अशोभनीय संदेश लिखकर इसे स्पीड पोस्ट के जरिये भी उस वक्त महिला न्यायाधीश को भेजा गया, जब उनकी अदालत चल रही थी। अधिकारियों ने बताया कि वकील को इस मामले में नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया और रतलाम के एक अपर सत्र न्यायाधीश ने उसकी जमानत याचिका 13 फरवरी को खारिज कर दी थी। अभियोजन ने इस याचिका पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अदालत में कहा था कि वकील ने महिला न्यायाधीश का ‘लैंगिक उत्पीड़न’ और उनकी ‘लज्जा का अनादर’ किया।
वकील ने किया आरोपों से इनकार
उधर, वकील ने इन आरोपों से इनकार करते हुए रतलाम की अदालत में कहा कि चूंकि वह गरीबों को निःशुल्क कानूनी परामर्श देता है। इसलिए वह कई वकीलों की ‘निजी रंजिश का शिकार’ है।
अधिकारियों के मुताबिक आरोपों का सामना कर रहा वकील फिलहाल रतलाम की एक जेल में न्यायिक हिरासत के तहत बंद है। मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में वकील की ओर से जमानत याचिका दायर की गई है। इस पर बुधवार को सुनवाई संभावित है।