मंदसौर: लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया किसान आंदोलन के दौरान छह जून को पुलिस फायरिंग में मारे गए पांच किसानों के परिजन को मिलने एवं सांत्वना देने के लिए शनिवार रात मंदसौर पहुंचे। इनके अलावा, सिंधिया किसान आंदोलन के दौरान बडवन गांव में कथित रूप से पुलिस की पिटाई से मरे एक अन्य किसान के परिजन से भी मुलाकात करने गए हैं। जिले में प्रवेश करने के बाद सिंधिया पुलिस की पिटाई से मारे गए 26 वर्षीय किसान नश्याम धाकड के घर पर बडवन गांव गए और उसके परिजन से मिले और उन्हें सांत्वना दी। बडवन गांव मंदसौर मुख्यालय से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर है। इस दौरान कांग्रेस नेता एवं मंदसौर की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन भी उनके साथ थी। सिंधिया ने घनश्याम के परिजन को कहा कि दुख की इस घड़ी में कांग्रेस उनके साथ खड़ी है। मृतक के परिजन को सांत्वना देते हुए उन्होंने कहा कि मैं आपको 13 जून को भी मिलना चाहता था, लेकिन मुझे पुलिस ने नीमच में हिरासत में ले लिया और जिले में प्रवेश नहीं करने दिया। घनश्याम के परिजन ने नौ जून को आरोप लगाया था कि उसे पुलिस ने बुरी तरह से पीटा था, जिससे उसकी मौत हुई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 14 जून को मंदसौर दौरे के दौरान घनश्याम के परिजन से बडवन गांव में उनके घर पर मुलाकात की थी और उन्हें राज्य सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये की राशि मुआवजा के तौर पर देने से संबंधित कागजात दिये थे।
इस दौरान चौहान पुलिस फायरिंग में मारे गये पांच अन्य मृतकों के परिजन से भी मिले थे और उन्हें भी एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने से संबंधित कागजात दिए थे। चौहान ने मृतकों के परिजन को कहा था कि यह राशि उनके बैंक खातों में भेजे गए हैं। घनश्याम के परिजन से मिलने के बाद सिंधिया पुलिस फायरिंग में मारे गए पांच अन्य किसानों के परिजन से भी मिलेंगे। छह जून को किसान आंदोलन के उग्र होने के दौरान मंदसौर जिले के पिपलियामंडी में पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, मंदसौर जिले के बडवन गांव में 26 वर्षीय एक और किसान की मौत हुई थी। स्थानीय लोगों ने नौ जून को आरोप लगाया कि उसे पुलिस ने बुरी तरह से पीटा था, जिससे उसकी मौत हुई है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के किसान अपनी उपज के वाजिब दाम सहित 20 मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन पर थे और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश में हिंसा, आगजनी, तोडफोड एवं लूटपाट की कई टनाएं की। इसके लिए प्रदेश सरकार ने कांग्रेस पर भोलेभाले किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है।