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मंदसौर: मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन के केंद्र मंदसौर शहर से शनिवार को कर्फ्यू हटा लिया गया। शहर में स्थिति शांतिपूर्ण रही लेकिन लोगों के जमा होने पर पाबंदी लागू रहेगी। जिला प्रशासन ने भी कहा है कि हिंसा भड़कने के बाद पांच जून से निलंबित की गई इंटरनेट सेवाएं भी कल सुबह से बहाल कर दी जाएगी। मंदसौर के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मंदसौर शहर के तीनों थाना इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया। हालांकि जिले में चार से अधिक लोगों के जमा होने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी। उन्होंने बताया कि जिले में धरना, प्रदर्शन और रैलियों की इजाजत नहीं होगी। मंदसौर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर पिपलामंडी थाना इलाके में कर्फ्यू जारी रहेगा जहां पर आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में पांच किसान मारे गए थे। जिला कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इंटरनेट सेवाएं जल्द से जल्द बहाल कर दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक या भड़काऊ सामग्री प्रसारित किए जाने की स्थिति में फैसले पर फिर से विचार होगा। सार्वजनिक परिवहन कब से बहाल होगा यह पूछे जाने पर एसपी ने कहा कि कल बस संचालकों के साथ बैठक होगी जिसमें उनसे सेवाएं बहाल करने को कहा जाएगा।

सिंह ने कहा कि बस कर्मचारियों, पेट्रोल पंप कर्मचारियों और दूध आपूर्ति करने वालों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी ताकि वे अपना काम कर सकें। किसान कृषि उत्पादों की बेहतर कीमत और ऋण माफी समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश में एक जून से यहां आंदोलन कर रहे हैं। भोपाल से 300 किमी दूर मंदसौर-नीमच क्षेत्र से शुरू हुआ किसान आंदोलन राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में भी फैल गया। छह जून को पुलिस की गोलीबारी में पांच लोगों के मारे जाने के बाद किसानों द्वारा किए प्रदर्शन के चलते यहां कर्फ्यू लगाया गया था। आज जिले के चार थाना क्षेत्रों में इसमें 12 घंटे की ढील दी गई। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शांति बहाली के लिये दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया और किसानों को उनके उत्पादों की लाभकारी कीमतों का वादा किया। बहरहाल, पिपलामंडी में किसान अपनी दुकानों को खोलने को लेकर डर रहे हैं। लहसुन के कारोबार के प्रसिद्ध यह शहर वीरान सा नजर आ रहा है क्योंकि लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं।

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