इंदौर: लोक सभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शनिवार को दक्षिण एशियाई देशों का क्षेत्र में शांति के लिए आह्वान किया और कहा कि यह स्थायी विकास के लिए जरूरी है। सुमित्रा ने दक्षिण एशियाई संसदों के सभापतियों के शिखर सम्मेलन के उद्घाटन संबोधन में कहा, ‘शांति, शांति, शांति..होनी चाहिए। तभी विकास होगा।’ पाकिस्तान ने इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया। स्थायी विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दो दिवसीय सम्मेलन में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, मालदीव और नेपाल के संसद अध्यक्ष और सदस्य हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत और उसकी संसद एक महत्वाकांक्षी, व्यापक एवं न्यासंगत विकास एजेंडा निर्मित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है जिसमें गरीबी उन्मूलन मूल में होगा।’ उन्होंने अमीर और गरीब के बीच बढ़ते अंतर को कम करने के लिए समावेशी आर्थिक विकास पर जोर देते हुए कहा कि संस्कृति की कीमत पर विकास टिकाउ नहीं होता। उन्होंने भाजपा विचारक दीन दयाल उपाध्याय को उद्धृत करते हुए कहा कि एकात्म मानववाद विकास का आधार है क्योंकि वह स्वदेशी आर्थिक माडल को अपनाता है जो मनुष्य को केंद्र में रखता है। सुमित्रा ने कहा, ‘सबसे पहले और महत्वपूर्ण नागरिक है। कोई भी विकास संभव नहीं और टिकाऊ नहीं जब तक उसका एक मानवीय चेहरा न हो।’
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा अगले 15 वर्षों में स्वस्थ विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिवर्ष 565 अरब डॉलर का खर्च होने की उम्मीद है।