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कोल्हापुर: महाराष्ट्र के शिंगणापुर में शनि मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने को लेकर विवाद के बाद राज्य में एक अन्य प्रसिद्ध मंदिर में सोमवार को ऐसा ही विवाद खड़ा हो गया। कोल्हापुर स्थित देवी महालक्ष्मी के मंदिर में इसी मुद्दे पर विवाद उठा। बंबई हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते कहा था कि मंदिरों में महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। हालांकि शिंगणापुर में स्थानीय निवासियों ने दो दिन पहले महिला कार्यकर्ताओं को शनि मंदिर में जाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। अब महिलाओं के संगठन 'अवनी' की कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें भी महालक्ष्मी मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी गई। संगठन की प्रमुख अनुराधा भोसले ने कहा कि पुलिस ने कार्यकर्ताओं को पीछे कर दिया।

मुंबई: देश में इन दिनों 'भारत माता की जय' नारे को लेकर जबरदस्त राजनीति हो रही है। कुछ लोग हैं जो रह हालत में सभी से यह नारा लगवाना चाहते हैं और कुछ का कहना है कि उनका धर्म इसकी इजाजत नहीं देता तो कुछ इसे जबरदस्ती थोपी जाने वाली 'राष्ट्रभक्ति' करार दे रहे हैं। इसी सियासत में अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी कूद पड़े हैं। फडणवीस ने कहा कि जो 'भारत माता की जय' नहीं बोलेगा, उसे देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है। फडणवीस ने नासिक के एक कार्यक्रम मे कहा है कि इस देश में सभी को 'भारत माता की जय' बोलना ही पड़ेगा। जय नहीं बोलने वालों को देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश में किन लोगों की हिम्मत है कि वो 'भारत माता की जय' न कहें। इस देश में 'भारत माता की जय' बोलना पड़ेगा और अगर जो 'भारत माता की जय' नहीं बोलता है, उसको देश में रहने का अधिकार नहीं है।

मुंबई: महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले में शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा था कि मंदिरों में प्रवेश को लेकर कोई भेदभाव नहीं होगा। लेकिन शनिवार को भूमाता ब्रिगेड की कुछ महिलाएं वहां पर पहुंची तो स्थानीय लोगों ने उनका जमकर विरोध किया। मौके पर तैनात पुलिस ने कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में रखा है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि वह महिलाओं को वहां तक नहीं जाने देंगे जहां पर पुुरुषों को जाने नहीं दिया जाता है। मंदिर समिति का कहना है कि उन्हें कोर्ट का आदेश नहीं मिला है। इसके अलावा समिति का कहना है कि वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएगी। कोर्ट ने कल कहा था कि हर वह मंदिर जहां पुरुषों को प्रवेश की अनुमति है वहां महिलाएं भी जा सकती हैं। जहां किसी को प्रवेश करने की अनुमति नहीं वहां महिलाएं भी नहीं जा सकतीं। पिछले साल शनि शिंगणापुर मंदिर में शनि की मूर्ति पर एक महिला द्वारा तेल चढ़ाने पर यह विवाद शुरू हुआ था। महिला के तेल चढ़ाने के बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया गया था। इसके बाद भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें मंदिर पहुंचने से पहले ही रोक लिया।

मुंबई: छोटे पर्दे की बड़ी अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी की खुदकुशी पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि ये हत्या है या आत्महत्या। प्रत्यूषा के परिजनों ने मामले में जांच की मांग की है, वहीं प्रत्यूषा के साथी राहुल से दो दफे पूछताछ के बाद भी पुलिस को कुछ ठोस हासिल नहीं हुआ है। पोर्स्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्यूषा की मौत दम घुटने की वजह से हुई। बालिका वधू सीरियल से प्रत्यूषा को घर घर में पहचान मिली, झलक और बिग बॉस जैसे शोज में उनकी झलक दिखी। लेकिन करीबी कहते हैं, इन दिनों काम और आर्थिक बदहाली से वो परेशान थीं। फिर भी इतनी कमज़ोर नहीं थीं कि ख़ुदकुशी कर लें। झारखंड के जमशेदपुर की रहना वाली प्रत्यूषा ने कम उम्र में अपने लिए बड़ा मुकाम बना लिया था। एक साथी भी चुना था, पेशे से एक्टर प्रोड्यूसर राहुल राज सिंह। राहुल-प्रत्यूषा साथ ही रहते थे, उसने ही गोरेगांव के अपार्टमेंट से प्रत्यूषा को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस राहुल का बयान दर्ज कर चुकी है। कुछ लोगों का कहना है कि राहुल से प्रत्यूषा के रिश्ते इन दिनों तल्ख थे, प्रत्यूषा के परिजनों ने खुदकुशी की जांच की मांग की है। लेकिन राहुल के माता-पिता का कहना है दोनों इस रिश्ते में खुश थे। प्रत्यूषा के घर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, पुलिस फिलहाल प्रत्यूषा और राहुल के फोन रिकॉर्ड भी खंगाल रही है।

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