ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

मुंबई: महाराष्ट्र की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे मराठवाड़ा के सूखा प्रभावित क्षेत्र में दौरे के समय सेल्फी खिंचवाने के चक्कर में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक शिवसेना एवं विपक्ष के निशाने पर आ गयी हैं। क्षेत्र के दौरे पर गयी पंकजा ने सूख चुकी मांजरा नदीं को पृष्ठभूमि में रखते हुए सेल्फी खिंचवाई। शिवसेना के प्रवक्ता मनीषा कायनाडे ने कह, ‘महाराष्ट्र भीषण अकाल से गुजर रहा है। महिलएं एवं बच्चे भी दूर दूर से पानी ला रहे हैं। शिवसेना सूखा प्रभावित क्षेत्रों में काफी काम कर रही है। इस प्रकार की गंभीर स्थिति में मंत्री सेल्फी खींच रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इससे बचा जा सकता था। इससे इस प्रकार के दौरे का प्रभाव कम हो जाता है। पूरा महाराष्ट्र गंभीर सूखे से गुजर रहा है। सेल्फी की कोई जरूरत नहीं थी। मुख्यत: महिलाओं को ही झेलना पड़ रहा है और दूर दूर से पानी लाना पड रहा है तथा एक महिला सेल्फी ले रही है। यह विचित्र है।’ मंत्री की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद ट्विटर पर भी उनकी खिंचाई हो रही है।

मुंबई: महराष्ट्र के कई हिस्सों में जहां पानी की कमी का गंभीर संकट बना हुआ है, वहीं एक हवाईअड्डे के पास के गांव में अस्थाई हैलीपेड बनाने के लिए हजारों लीटर पानी का इस्तेमाल किया गया जिस पर राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से लातूर जिले में सूखे के हालात की समीक्षा करने के लिए उतरे। स्थानीय अधिकारियों ने बेलकुंड गांव में हेलीपैड के लिए 10 हजार लीटर पानी का इस्तेमाल किया जहां मंत्री शुक्रवार को सूखे के हालात और पानी की कमी से निपटने के कदमों की समीक्षा के लिए दौरा किया। बेलकुंड लातूर से महज 40 किलोमीटर दूर है। जब लातूर में रेल वैगनों से पानी पहुंचाया जा रहा हो, ऐसे में पानी की इस तरह बर्बादी के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता खड़से ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। विपक्षी दल एनसीपी ने पानी के इस तरह के इस्तेमाल को बीजेपी नीत सरकार का सत्ता का अहंकार बताया। एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि घटना दिखाती है कि सरकार सूखे पर गंभीर नहीं है और सत्ता के कारण अहंकारी हो गई है।

नागपुर: आरएसएस पर निशाना साधते हुए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने गुरुवार को कहा कि नागपुर बीआर अंबेडकर की भूमि है, आरएसएस की नहीं और ‘संघ संसद नहीं है।’ कन्हैया ने अंबेडकर को यहां उनकी 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद भाषण दिया। भाषण के दौरान एबीवीपी के एक कार्यकर्ता ने उनपर चप्पल फेंकी, लेकिन वह उन्हें नहीं लगा। अपने भाषण में उन्होंने राजग सरकार पर देश में लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला करने का आरोप लगाया और कहा कि अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान पर सीधा हमला हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार ने कुछ चुनावी वादे किए थे लेकिन वह अब तेजी से उन्हें भूल रही है और उससे पीछे हट रही है।’ उन्होंने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यह बाबासाहेब अंबेडकर की धरती है जिसे दीक्षाभूमि (वह स्थान जहां अंबेडकर ने अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था) कहा जाता है, न कि संघ भूमि।’ गौरतलब है कि नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय है। उन्होंने कहा, ‘संघ संसद नहीं है और ‘मनुवाद’ संविधान नहीं है।’ कन्हैया ने कहा कि मोदी सरकार जेएनयू जैसे शैक्षणिक संस्थानों की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रही है और अपनी विचारधारा थोप रही है और छात्रों को उस गुनाह के लिए प्रताड़ित कर रही है, जो उन्होंने किया ही नहीं है। कन्हैया ने इन आरोपों का भी खंडन किया कि जेएनयू परिसर में भारत विरोधी नारे लगाए गए थे।

मुंबई: दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के करीब तीन महीने बाद उसके परिवार ने गुरुवार को बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित ने जनवरी में आत्महत्या कर ली थी, जिसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। रोहित के भाई ने कहा कि वे दमनकारी जाति व्यवस्था से आजादी चाहते हैं। डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर रोहित की मां राधिका और भाई नागा चैतन्य वेमुला, जिसे राजा वेमुला के नाम से भी जाना जाता है, ने डॉ. अम्बेडकर के पौत्र प्रकाश अम्बेडकर की मौजूदगी में यहां एक समारोह में बौद्ध भिक्षुओं से ‘‘दीक्षा’’ ली। राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए उन पर लोगों का दमन करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। रोहित के भाई ने कहा, ‘‘हम हिंदूवाद में जाति व्यवस्था के खिलाफ हैं इसलिए बौद्ध धर्म को अपनाने का फैसला किया, जिसमें जातियों की इस प्रकार की दमनकारी व्यवस्था नहीं है।’’ उसने कहा, ‘‘हम जाति व्यवस्था से आजादी चाहते हैं।’’

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख