ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने एक बार फिर राम मंदिर पर अपनी बात कही है। अभी तक उद्घाटन से जुड़ा निमंत्रण न मिलने पर बीजेपी की आलोचना करने वाले संजय राउत का कहना है कि अगर कांग्रेस को अयोध्या का निमंत्रण मिलता है, तो उसे उसमें जाना चाहिए।

संजय राउत ने आगे कहा कि जल्द ही इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दल वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक बैठक करेंगे और उसमें संयोजक और अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी किसी को दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि उद्धव ठाकरे की बात नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल और वेणूगोपाल से हुई है।

इंडिया गठबंधन के नेताओं को केंद्रीय जांच एजेंसियॉं कर रही परेशान

संजय राउत ने इस मौके पर सरकार की तरफ से इंडिया गठबंधन के नेताओं को ईडी और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिये प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, केजरीवाल और हेमंत सोरेन को ईडी परेशान कर रही है।

नई दिल्ली: शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस की 'आत्मा' को हिंदू करार देते हुए बुधवार को कहा कि कांग्रेस के नेताओं को का राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को यदि विशेष निमंत्रण मिला है, तो उन्हें राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होना चाहिए। लेख में यह भी कहा, "कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में कांग्रेस की सहयोगी है और विपक्षी दलों के 'इंडिया' गठबंधन की सदस्य भी है।

शिवसेना का बीजेपी पर कटाक्ष

शिवसेना (यूबीटी) ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना' के एक संपादकीय लेख में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "अगर उस समय प्रधानमंत्री भाजपा से होते तो बाबरी मस्जिद नहीं गिराई जाती। दिसंबर 1992 में जब ढांचा गिराया गया, तब कांग्रेस की सरकार थी और पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री थे।"

मुंबई (जनादेश ब्यूरो): आगामी लोकसभा चुनाव के लिए देशभर की सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। चुनाव को लेकर कई पार्टियों ने ताल ठोकना शुरू कर दिया है। गठबंधन और गठबंधन के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए बैठकों के दौर जारी हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए उद्धव गुट के 23 सीटों पर दावे के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की तरफ से भी इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है। सीट बंटवारे पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "15 दिन पहले दिल्ली में सोनिया गांधी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच मीटिंग हुई थी। उस मीटिंग में सीट शेयरिंग की काफी बातें साफ हुई थीं... अगले 8-10 दिन में आप तक भी जानकारी पहुंचा दी जाएगी।"

महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर चर्चा

महाराष्ट्र में महायुति और महाविकास अघाड़ी पर भी चर्चा चल रही है। महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं। बीजेपी, शिवसेना (शिंदे समूह) और एनसीपी (अजित पवार समूह) महागठबंधन में तीन प्रमुख दल हैं। महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (ठाकरे समूह) और एनसीपी (शरद पवार समूह) तीन प्रमुख दल हैं।

मुंबई (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा चुनाव 2024 सिर पर हैं और इसी के मद्देनजर महाराष्ट्र में राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष महागठबंधन अपनी पैठ जमाने की पूरी कोशिश में है और इसी बीच शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राऊत का सीट बंटवारे को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। संजय राऊत ने 'इंडिया' गठबंधन के सीट बंटवारे वाले फॉर्मूले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि उनसे मिलने के लिए राकांपा के अध्यक्ष जयंत पाटिल और जितेंद्र आव्हाड आए थे। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में सीट शेयरिंग स्पष्ट है।

आपको बता दें कि लोकसभा सीटों के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र है। यहां 48 लोकसभा सीटें हैं जो कि एक बड़ा आंकड़ा है।

संजय राऊत ने कहा कि जो सीट शेयरिंग होनी चाहिए और जो पार्टी जिस सीट पर चुनाव जीत सकती है, सीट पर उसी का दावा रहेगा। इसके लिए कोई फॉर्मूला नहीं है। देश में इंडिया गठबंधन का एक ही फॉर्मूला है, 'जो जीतेगा-वही लड़ेगा' और महाराष्ट्र में भी इसी फॉर्मूले पर काम किया जा रहा है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख