ताज़ा खबरें
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

अहमद नगर: महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने पिछले साल नवंबर में राज्य मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया था। भुजबल ने राज्य सरकार पर ओबीसी कोटा में मराठा समुदाय को पिछले दरवाजे से प्रवेश की सुविधा देने का आरोप लगाया है।

एक रैली को संबोधित करते हुए एनसीपी के अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के नेता छगन भुजबल ने दोहराया कि वे मराठों को आरक्षण मिलने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन मौजूदा ओबीसी कोटा को शेयर करने के खिलाफ हैं। भुजबल ने कहा कि, "विपक्ष के कई नेता, यहां तक कि मेरी सरकार के नेता भी कहते हैं कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए। किसी ने कहा कि भुजबल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए।''

एनसीपी के नेता ने कहा कि ''मैं विपक्ष, सरकार और अपनी पार्टी के नेताओं को बताना चाहता हूं कि 17 नवंबर को अंबड में आयोजित ओबीसी एल्गर रैली से पहले, मैंने 16 नवंबर को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था और फिर उस कार्यक्रम में शामिल होने गया था।''

मुंबईः इंडिया गठबंधन में शामिल शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने बिहार में बदले राजनीतिक समीकरण और नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने पर जोरदार हमला किया है। पार्टी ने अपने मुखमत्र "सामना" में इसे लेकर कड़ी टिप्पणी की है। सामना के सोमवार (29 जनवरी) के संस्करण में छपे संपादकीय में लिखा है, देश में "जय श्रीराम" के नारे लगाए जा रहे हैं, लेकिन बिहार में "जय श्री पलटूराम" का नारा सुनाई दे रहा है। ये पलटूराम "इंडिया" गठबंधन के कर्ताधर्ता रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी है और भारतीय जनता पार्टी के साथ नई साझेदारी शुरू की है।

कॉलम में आगे कहा गया है, लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल से तलाक लेकर इस उम्र में फिर से भाजपा के साथ जिंदगी की शुरुआत करना नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन का अंत है। नैतिकता और सिद्धांतों की राजनीति की बात करने वालों की ओर से ही नैतिकता की ऐसी की तैसी कर दी जाए तब भारतीय जनता पार्टी को क्यों दोष दिया जाए? भाजपा के लोग इस समय बाजार में सबसे बड़े खरीददार हैं।

मुंबई: समर्थकों की भारी भीड़ के बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा सभी मांगें स्वीकार किए जाने के बाद, मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने अपना उपवास खत्म किया। मनोज ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में अपना उपवास समाप्त किया। इस बीच मुंबई के कुछ हिस्सों में कड़ी सुरक्षा भी देखने को मिली।

महाराष्ट्र सरकार ने मानी सभी मांगें

40 वर्षीय मनोज ने दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल करने की योजना बनाई थी। साथ ही मांग की कि राज्य सरकार सभी मराठों को शामिल करने के लिए अपनी मुफ्त शिक्षा नीति में संशोधन करें जब तक कि आरक्षण का लाभ पूरे समुदाय के लिए उपलब्ध न हो जाए।

मुख्यमंत्री शिंदे ने जरांगे की मांगों पर चर्चा करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद, कार्यकर्ता द्वारा उठाई गई चिंताओं को संबोधित करते हुए एक मसौदा अध्यादेश के साथ शुक्रवार देर रात एक प्रतिनिधिमंडल भेजा।

मुंबई: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को कानून की पढ़ाई करने वाले चार छात्रों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस जेएल कुलकर्णी और जस्टिस नीला गोखले की विशेष पीठ रविवार सुबह मामले की सुनवाई करेगी।

जनहित याचिका (पीआईएल) दायर करने वाले छात्रों में शिवांगी अग्रवाल, सत्यजीत सिद्धार्थ साल्वे, वेदांत गौरव अग्रवाल और खुशी संदीप बंगिया शामिल हैं, जो मुंबई स्थित एमएनएलयू, जीएलसी और निरमा लॉ स्कूल में विधि की पढ़ाई कर रहे हैं।

पार्टी की इच्छा पर आधारित नहीं हो सकती ऐसी घोषणा

याचिका में कहा गया है कि किसी धार्मिक कार्यक्रम को मनाने के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित करना संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन है। छात्रों ने तर्क दिया कि कोई राज्य सरकार किसी भी धर्म के साथ जुड़ नहीं सकती या उसे बढ़ावा नहीं दे सकती।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख