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मुंबई: बीते सोमवार महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से ही सियासी हलचल तेज हो गई है। मंगलवार को उन्होंने भाजपा का दामन थामा है। जिसके के बाद से ही तमाम विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई है। शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को भाजपा पर जमकर कटाक्ष किया। भाजपा के नारे मोदी की गारंटी पर तंज कसते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी का प्रमुख काम भ्रष्ट नेताओं को शामिल करना और उन्हें सीएम या उपमुख्यमंत्री का पद देना है।

भाजपा तानाशाही के रूप में एक नया वायरस: उद्धव

सत्तारूढ़ दल भाजपा पर हमला करते हुए उद्धव ठाकरने ने कहा कि देश में तानाशाही के रूप में एक नया वायरस फैल रहा है। हमने अपनी सरकार में कोरोना देखा लेकिन आज देश में एक नया वायरस आया है, इसे मोदी सरकार के तहत तानाशाही कहा जाता है।

पुणे: वरिष्ठ नेता शरद पवार ने रविवार को कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नाम और चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने का निर्वाचन आयोग का फैसला ‘‘हैरान’’ करने वाला है।

अजित पवार धड़े को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बताए जाने के चुनाव आयोग के बयान पर शरद पवार ने चुप्पी तोड़ते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी को उसके संस्थापकों से छीनकर दूसरों को सौंप दिया है।

चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती 

उन्होंने कहा कि यह इतिहास का पहला उदाहरण है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

शरद पवार ने आगे कहा कि आम लोगों के लिए किसी पार्टी के कार्यक्रम और विचारधारा अहम होती है, चुनाव चिन्ह तो सीमित समय के लिए ही उपयोगी रहता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता चुनाव आयोग के फैसले को न तो स्वीकार करेगी और न ही उसका समर्थन करेगी।

मुंबई (जनादेश ब्यूरो): राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी घोषित करने के चुनाव आयोग के फैसले को ‘लोकतंत्र की हत्या‘ करार दिया और दावा किया यह दबाव में लिया गया न‍िर्णय है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने फैसले का स्वागत किया।

निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी‘ भी आवंटित किया। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की हत्या है। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। देशमुख ने एक टीवी चैनल से कहा कि निर्वाचन आयोग ने यह फैसला ‘ऊपर से दबाव‘ के तहत दिया।‘‘

चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगेः  सुप्रिया सुले

वहीं, शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि हम चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जो शिवसेना के साथ हुआ, वही आज हमारे साथ हो रहा है, इसलिए यह कोई नया आदेश नहीं है। बस नाम हैं, बदल दिए गए हैं। लेकिन सामग्री वही है।"

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की लड़ाई को लेकर मंगलवार को चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुनाया, जिससे शरद पवार गुट को बड़ा झटका लगा है। छह महीने से अधिक समय तक चली सुनवाई में चुनाव आयोग ने (एनसीपी) में जारी विवाद का निपटारा किया। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट के पक्ष में फैसला सुनाया और अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी बताया है। चुनाव आयोग ने एनसीपी की लड़ाई को लेकर 10 से अधिक सुनवाई की और आज अपना फैसला सुनाया है। चुनाव आयोग ने अजित गुट को असली एनसीपी मानते हुए उन्हें 'एनसीपी का नाम और प्रतीक' सौंप दिया।

शरद पवार को तीन दिन का मिला वक्त

चुनाव आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनावों को देखते हुए शरद पवार गुट को अपने राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने का समय दिया है। साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि पार्टी के नाम और चिह्न को लेकर एक बार दावा करने का विकल्प दिया गया है और बुधवार दोपहर तक तीन प्राथमिकताएं देने के लिए कहा है।

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