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मुंबई: महाराष्ट्र कैबिनेट ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण के बिल के मसौदे को मंजूरी दी। पिछले चार दशकों से चल रहे संघर्ष को खत्म करने के लिए शिंदे सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।

मसौदे में सरकार ने उन त्रुटियों को दूर कर लिया है, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया था। राज्य विधानमंडल के एक विशेष सत्र में मराठों को 50 प्रतिशत से ऊपर आरक्षण देने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। एक दशक में यह तीसरी बार है जब राज्य ने मराठा कोटा के लिए कानून पेश किया है।

यह विधेयक तत्कालीन देवेंद्र फड़नवीस सरकार द्वारा पेश किए गए सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 के समान है।

इससे पहले मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने सोमवार को सभी मराठा विधायकों से अपील की थी कि एकमत से आरक्षण बिल का समर्थन करें। अगर आरश्रण को लेकर विधायकों ने आवाज नहीं उठाई तो समझा जाएगा वे मराठा विरोधी हैं।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में असली एनसीपी की लड़ाई को लेकर शरद पवार को राहत नहीं मिल पाई है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के अजित पवार गुट को असली एनसीपी बताने के फैसले पर रोक लगाने से इंकार किया है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि वह इस मामले में शरद पवार की याचिका का परीक्षण करने को तैयार है। अदालत ने अजित पवार और चुनाव आयोग (ईसी) को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी।

सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई तक शरद पवार अपनी सियासी पार्टी के लिए 'एनसीपी शरद चंद्र पवार' नाम का इस्तेमाल करेंगे। अगर पवार अपनी पार्टी एनसीपी शरद चंद्र पवार के लिए चुनाव आयोग से सिंबल की मांग करते है, तो चुनाव आयोग एक हफ्ते के भीतर चिन्ह आवंटित करे।

जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। शरद पवार ने कोर्ट में अजित पवार गुट को असली एनसीपी बताने के फैसले को चुनौती दी है।

मुंबईः महाराष्ट्र में एनसीपी विधायकों की अयोग्यता मामले में फैसला आ गया है। स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि अजित गुट को 41 विधायकों का समर्थन है। अजित पवार के पास शरद पवार से ज्यादा विधायकों का समर्थन है, इसलिए अजित पवार का गुट ही असली एनसीपी है।

सुनवाई में अजित पवार गुट की तरफ से अनिल पाटिल और समीर भुजबल मौजूद रहे। जबकि शरद पवार गुट से केवल वकील पहुंचे। शरद पवार गुट की तरफ से तीन याचिका दायर की गई थी। वहीं, अजित पवार गुट की तरफ से दो याचिका दायर थी। कुल पांच याचिका थी जिन्हें ग्रुप 1 और ग्रुप 2 दो भागों में बांटा गया।

राहुल नार्वेकर ने कहा कि एनसीपी में कोई फूट नहीं हुई है। सिर्फ गुट बन चुका है। उन्होंने प्राथमिक स्तर पर पार्टी की संरचना, संविधान और विधिमंडल दल इन तीन तथ्यों पर फैसला दिया। उन्होंने कहा कि 30 जून 2023 को एनसीपी में दो गुट निर्माण हुआ। 29 जून तक शरद पवार के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं था। राष्ट्रवादी के संविधान को लेकर कोई विवाद नहीं है।

मुंबईः अशोक चव्हाण मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं। कल ही उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इस दौरान महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, आशीष सेलार मौजूद रहे। बीजेपी में शामिल होने के बाद अशोक चव्हाण की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए कांग्रेस पार्टी छोड़ने का फैसला लेना आसान नही था... ये एक दिन में लिया गया फैसला नहीं है। ये बात सच है कि कांग्रेस पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया... फिर इस बात को भी कोई नहीं नकार सकता है कि जब तक मैं पार्टी में था तब तक मैंने भी पार्टी के लिए बहुत कुछ किया। मैंने पार्टी के लिए क्या कुछ किया ये कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को अच्छे से पता है।

चव्हाण ने सोमवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी में शामिल होने से पहले चव्हाण ने कहा था, ‘आज मेरे जीवन के नए राजनीतिक करियर की शुरुआत है।‘ जब चव्हाण से यह पूछा गया कि क्या उन्हें वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कोई फोन किया, तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।

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