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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकारी स्कूल और कॉलेज में मुस्लमानों को 5 फीसदी आरक्षण दिए जाने को लेकर उद्धव कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि जल्द ही इसे विधानसभा से पारित किया जाएगा। महाराष्ट्र में एनसीपी कोटे से मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि हाईकोर्ट में मामला जाने के बाद सरकारी शिक्षण संस्थानों में पांच फीसदी आरक्षण जारी रहे ऐसा आदेश दिया था लेकिन दिसंबर 2014 में वो अध्यादेश खत्म हो गया। पिछली सरकार ने उसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। सदस्यों की मांग थी कि आरक्षण देना चाहिए। हमने एलान किया है शिक्षण संस्थान में आरक्षण देने की मान्यता हाईकोर्ट ने दी है उसे जल्द से जल्द कानून बनाकर लागू करेंगे।

इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी एक कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों की प्रशंसा की थी। तब उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यकों, विशेष तौर पर मुस्लिमों ने राज्य चुनाव में भाजपा के लिए वोट नहीं किया। उन्होंने कहा कि समुदाय के सदस्य जब कोई निर्णय लेते हैं तो यह किसी पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए होता है।

नागपुर: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार (22 फरवरी) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को उनके संगठन के “मनुवादी” एजेंडे के वास्तविक जनसमर्थन को परखने के लिए सीधे चुनाव लड़ने की चुनौती दी। संघ मुख्यालय के निकट यहां रेशीमबाग मैदान में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए आजाद ने “मनुवाद” को खत्म करने के लिए संघ पर प्रतिबंध की मांग की। आजाद ने कहा, “मैं संघ प्रमुख को एक सुझाव देना चाहता हूं...झूठ का मुखौटा उतारिए और मैदान में आइए। यह लोकतंत्र है...अपने एजेंडे के साथ सीधे चुनाव लड़िए और लोग आपको बता देंगे कि देश 'मनुस्मृति से चलेगा या संविधान से।”

उन्होंने कहा कि नया संशोधित नागरिकता कानून(सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) संघ का “एजेंडा” हैं। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने भीम आर्मी को कुछ शर्तों के साथ रेशीमबाग में सभा करने की इजाजत दे दी थी। इससे पहले कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर आशंका जताते हुए स्थानीय पुलिस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।

मुंबई: गुरुवार को बंगलूरू में सीएए विरोधी रैली के दौरान दिए विवादित बयान पर एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने माफी मांग ली है। मामले को तूल पकड़ता देख पठान ने कहा कि मेरे कहे गए शब्दों को राजनीतिक तरीके से देखा जा रहा है। यह मुझे और मेरी पार्टी को बदनाम करने की साजिश के तहत किया जा रहा है। अगर किसी को मेरे शब्दों से किसी प्रकार की ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं और माफी मांगता हूं। वारिस पठान ने शनिवार को बांद्रा स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी।

उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ भ्रम पैदा करने की कोशिश की गई। पठान ने कहा कि मेरा मतलब 15 करोड़ नाराज मुसलमानों से था। मैंने 100 करोड़ हिंदुओं को नहीं बल्कि 100 नेताओं पर टिप्पणी की थी। मैं0ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक और भाजपा के 100 नेताओं के खिलाफ बोला था। मैं सभी धर्मों का आदर करता हूं और मैं देशविरोधी नहीं हूं। इसके बाद प्रदेश एमआईएम के अध्यक्ष व औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि पठान की सफाई के बाद अब यह मुद्दा खत्म हो गया है।

मुंबई: महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने पिछली भाजपा की देवेंद्र फडणवीस सरकार का सरपंच वाला फैसला पलट दिया है। पूर्ववर्ती सरकार ने फैसला किया था कि गांवों के सरपंचों को अब सीधे लोगों के बीच से ही चुना जाएगा। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार ने पूर्व सरकार के फैसले को पलट दिया था और अध्यादेश लाई थी कि सरपंच ग्राम पंचायत के सदस्यों द्वारा चुना जाएगा। महाराष्ट्र सरकार के इस अध्यादेश पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है।

राज्यपाल ने अध्यादेश को विधासभा में पेश करने को कहा

राज्य मंत्रिमंडल ने 29 जनवरी को फडणवीस सरकार के सीधे सरपंच चुने जाने के फैसले को पलट दिया और अध्यादेश को राज्यपाल के सामने हस्ताक्षर के लिए पेश किया। लेकिन राज्यपाल ने हस्ताक्षर से मना करते हुए अध्यादेश को सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में पेश करने को कहा। प्रदेश कैबिनेट के फैसले के अनुसार सरपंच को निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा ग्राम पंचायत में चुना जाएगा।

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