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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: भीमा कोरेगांव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने नवलखा और तेलतुंबडे को आत्मसमर्पण करने के लिए तीन हफ्तों का समय दिया है। साथ ही कोर्ट ने उन्हें जल्द से जल्द अपना पासपोर्ट समर्पण करने को कहा है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और एम आर शाह की पीठ ने दोनों कार्यकर्ताओं को तीन सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा है। साथ ही आदेश दिया कि दोनों को जल्द से जल्द अपने पासपोर्ट को भी पुलिस को सौंपना होगा।

अदालत ने छह मार्च को दोनों कार्यकर्ताओं को दी गई गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा को बढ़ा दिया था। तेलतुंबडे और नवलखा ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल नवंबर में गिरफ्तारी से पहले जमानत की मांग की थी, जब पुणे की सत्र अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। एक जनवरी, 2018 को पुणे जिले के भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद नवलखा, तेलतुंबडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं को पुणे पुलिस ने उनके कथित माओवादी लिंक और कई अन्य आरोपों के लिए गिरफ्तार किया था।

मुंबई: मुंबई में शनिवार (14 मार्च) को कोरोना वायरस के चार नए मरीजों की पुष्टि हुई। यह जानकारी बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) ने दी। इससे महाराष्ट्र में पुष्ट मामलों की संख्या बढ़कर 26 और मुंबई में आठ हो गई। मुंबई में जिन नए मरीजों की पुष्टि हुई है उनमें से एक शहर का निवासी है, जबकि अन्य कामोठे, वाशी और कल्याण के रहने वाले हैं। बीएमसी उप निदेशक (स्वास्थ्य) दक्षा शाह ने कहा कि सभी को यहां कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी स्थिति स्थिर है।

इससे पहले दिन में महाराष्ट्र के यवतमाल शहर में दो व्यक्तियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई, ये हाल में दुबई से लौटे थे। अभी तक पूरे राज्य में, पुणे में 10 मामलों, मुंबई में आठ, नागपुर में चार, यवतमाल में दो, ठाणे और अहमदनगर में एक एक मामले की पुष्टि हुई है। इस बीच नासिक से मिली खबर के अनुसार दो व्यक्तियों को नासिक सिविल अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के संदेह में भर्ती किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से एक नासिक का रहने वाला 41 वर्षीय व्यक्ति है जो गत आठ मार्च को बांग्लादेश गया था और 13 मार्च को भारत लौटा था।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के नागपुर में एक अस्पताल से कोरोनोवायरस के पांच संदिग्ध मरीज भाग गए थे और पूरी उनका पता लगाने के लिए पूरे शहर में पुलिस ने अलर्ट जारी किया था। पुलिस ने सभी मरीजों को पकड़ लिया है। यह सभी मरीज शहर के मायो जनरल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती थे। बताया जा रहा है कि उनमें से एक मरीज का कोविड 19 का टेस्ट नेगेटिव आया था और अन्य चार की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था। एएनआई को नागपुर पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर एस सूर्यवंशी ने बताया है कि हमने सभी का पता लगा लिया है और प्रशासन की मदद से उन्हें वापस अस्पताल लेकर आ गए हैं।

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 19 हुई

महाराष्ट्र में दो और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद राज्य में इसकी चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 19 पहुंच गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो नए मामले मुंबई और अहमदनगर से सामने आए हैं।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत सरकार ''मजबूत और अभेद्य'' है। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में गुरूवार को एक संपादकीय में युवा नेताओं की आकांक्षाओं की अनदेखी के लिये कांग्रेस की आलोचना भी की गई है। संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा महाराष्ट्र में ''दिन में सपने देखना'' छोड़ दे।  गौरतलब है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने मध्य प्रदेश के 22 विधायकों के साथ मंगलवार को कांग्रेस छोड़ दी थी। उनके इस फैसले से 14 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गहरे संकट में घिर गई है। सिंधिया ने बुधवार को भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस पर सच्चाई से मुंह फेरने और नये नेतृत्व के नए विचारों को ''अनदेखा'' का आरोप लगाया। भाजपा ने सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है।

शिवसेना ने इन राजनीतिक घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देते हुए युवा नेताओं की आकांक्षाओं की अनदेखी के लिये कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भले ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के "मंझे हुए" नेता हों, लेकिन सिंधिया जैसे नेता को पूरी तरह से दरकिनार करना जरूरी नहीं था।

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