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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

मुंबई: कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के ऐलान के बाद मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों को गुमराह कर इकट्ठा करने वाले आरोपी विनय दुबे को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आज आरोपी विनय को आज स्थानीय कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस का मानना है कि आरोपी विनय ने ही प्रवासी मजदूरों को उकसाया, जिसकी वजह से मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर मंगलवार की शाम जन सैलाब उमड़ पड़ा और फिर स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी।

क्या हुआ था

कोरोना के चलते लॉकडाउन के बीच गुमराह किए जाने पर मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर मंगलवार को हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य जाने के लिए इकट्ठा हुए। इन लोगों को यहां से हटने के लिए कहा गया लेकिन इनके अड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण में किया गया। इस भीड़ को उकसाने के आरोप में ही विनय को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

मुंबई: बांद्रा टर्मिनल पर मंगलवार को जुटी हजारों कामगारों की भीड़ और पुलिस लाठीचार्ज को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साफ किया कि ये सबकुछ ट्रेन चलने की अफवाह के चलते हुआ है। उन्होंने कहा कि बांद्रा की घटना पर किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है, बाहरी मजदूरों के खाने-पीने के इंतजाम किया जा रहा है। उद्धव ने कहा कि कोरोना की समस्या ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि सभी त्योहारों के दौरान भी घर रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है। महाराष्ट्र सीएम ने कहा, मैं भीम सैनिकों से अंबेडकर जयंती को लेकर यह कहना चाहता हूं कि वे एकजुट होने से बचे और अपने घरों में रहें। कोरोना वायरस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में 2,334 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि, उनमें से 230 इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हुए, जबकि 32 लोगों की हालत गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है।

भीड़ को तितर-बितर करने के लिए किया लाठीचार्ज

बांद्रा में हुए लाठीचार्ज को लेकर मुंबई पुलिस के पीआरओ का कहना है कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर उनसे बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की।

मुंबई: देश में कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने का आदेश दिया है। वहीं, इसके बाद से ही विभिन्न शहरों में फंसे प्रवासी मजदूरों द्वारा पलायन का प्रयास किया जा रहा है।  इस बीच, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बांद्रा स्टेशन पर हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों की भीड़ घर जाने के लिए इकट्ठा हो गई। यहां वे अपने घर जाने देने की मांग करने लगे। हालांकि बाद में पुलिस द्वारा लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया गया। साथ ही स्थानीय नेताओं द्वारा मजदूरों से जगह खाली करने को कहा गया। 

वहीं, इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा है कि ब्रांदा स्टेशन पर मजदूरों का इकट्ठा होकर घर जाने की मांग करना केंद्र सरकार की विफलता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व्यवस्था करने में सक्षम नहीं है।  ठाकरे ने ट्वीट किया, 'बांद्रा स्टेशन की मौजूदा स्थिति, जिसे अब तितर-बितर कर दिया गया है या सूरत में मजदूरों द्वारा दंगा किया जाना केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए घर वापस जाने के रास्ते की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं होने का एक परिणाम है। वे भोजन या आश्रय नहीं चाहते, वे घर वापस जाना चाहते हैं।'

मुंबई: शिवसेना ने सोमवार को कहा कि घोटाले के आरोपों से घिरे डीएचएफएल के प्रमोटर- कपिल और धीरज वधावन तथा 21 अन्य को लॉकडाउन के बीच हिल स्टेशन की यात्रा की अनुमति देने वाले आईपीएस अधिकारी को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के गृह विभाग में नियुक्त किया था। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में बिना कोई नाम लिए कहा गया कि अब यह साफ है कि आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता के फैसले के पीछे कौन है और किसके निर्देशों पर वह महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को संकट में डाल सकते थे। यह साफ-साफ एक षड्यंत्र को दिखाता है जो सफल नहीं हुआ।

पिछले हफ्ते सातारा जिले में महाबलेश्वर हिल स्टेशन तक की यात्रा के लिए गृह विभाग के विशेष प्रधान सचिव गुप्ता द्वारा वधावन परिवार को एक पत्र कथित तौर पर सौंपने के बाद फडणवीस ने कहा था, 'यह संभव नहीं एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी यह जानते हुए ऐसी बड़ी गलती करे जिसका परिणाम उसे ही भुगतना पड़ेगा।'

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