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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

रायगढ़: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में सोमवार को इमारत गिरने के बाद अब तक 11 लोगों की मौत हुई और कई लोग अब भी लापता हैं। अधिकारियों ने मंगलवार सुबह दी जानकारी में कहा कि 60 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है। 20 घंटे से ज्यादा समय तक बचाव कार्य चला है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तीन टीमें और दमकल विभाग की 12 टीमें मौके पर मौजद हैं। सोमवार को धराशायी हुई इमारत सात साल पुरानी बताई जा रही है। मृतकों में 5 पुरुष और 5 महिलाएं भी शामिल हैं। 

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुख

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इमारत गिरने की घटना पर दुख जताया है। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, "महाराष्ट्र के महाड, रायगढ़ में इमारत गिरने और जनहानि की खबरें परेशान करने वाली हैं। मेरे विचार और प्रार्थनाएं दुर्घटना के शिकार लोगों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।"

इमारत हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, "महाराष्ट्र के महाड, रायगढ़ में इमारत ढहने से दुख हुआ।

रायगढ़: सोमवार की शाम महाराष्ट्र के रायगढ़ के महाड इलाके में एक पांच मंजिला इमारत गिर गई। इमारत के मलबे में 50 लोगों के फंसे होने की आशंका है। जानकारी के अनुसार अभी तक 25 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। जानकारी के अनुसार यह इमारत करीब 10 साल पुरानी थी और इसमें 50 परिवार रहते थे। घटनास्थल पर एनडीआरएफ और दमकल की टीमें मौजूद हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने बताया कि आज शाम 6.50 बजे के करीब रायगढ़ जिले में महाड तहसील के काजलपुरा इलाके में एक जी+4 इमारत ढह गई। एनडीआरएफ ने बताया कि इमारत के मलबे में 50 लोगों के फंसे होने की आशंका है। रायगढ़ महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से करीब 170 किलोमीटर दूर है। घटना में किसी की जान जाने की जानकारी नहीं है।

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस हादसे का संज्ञान लिया है। शाह ने ट्वीट किया, 'महाराष्ट्र के रायगढ़ में इमारत का गिरना बहुत दुखद है। सभी संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए एनडीआरएफ के महानिदेशक से बात की है।

पुणे: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को संकेत दिया कि मुंबई और राज्य भर में कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए लॉकडाउन प्रतिबंधों में सावधानीपूर्वक ढील दी जाएगी। रविवार को पुणे में एक 800 बेड के कोविड अस्पताल के संचालन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचा को तैयार कर रही है ताकि राज्य में अगर बीमारी के प्रकोप की दूसरी लहर आती है तो उसे रोका जा सके।

धीरे-धीरे चीजों को खोलेंगे

उन्होंने कहा, 'जब हम कहते हैं कि हम अपने जीवन को सामान्य रूप से फिर से शुरू करना चाहते हैं, तो भीड़ अपरिहार्य है। हम धीरे-धीरे चीजों को खोल रहे हैं, लेकिन ऐसा करते समय हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोरोना की कोई दूसरी लहर शुरू न हो।' ठाकरे ने कहा कि राज्य में कई तबके ने व्यायामशालाओं और धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति देने के लिए कहा है। लेकिन अभी तक राज्य ने इसपर कोई फैसला नहीं किया है।

मुंबई: अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल दो धार्मिक समुदायों के बीच नफरत का बीज बोने के लिए नहीं होना चाहिए। खास तौर पर फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय इसका जरूर ख्याल रखा जाना चाहिए। भड़काऊ पोस्ट और मैसेज सार्वजनिक सौहार्द बिगाड़ने की क्षमता रखते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह अहम टिप्पणी की। 

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायाधीश माधव जामदार की पीठ ने कहा, भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि वे अन्य धर्मों के सदस्यों के साथ शांति से रह सकते हैं। लोग बोलने की आजादी व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल अनुशासित होकर करें और खुद पर तर्कसंगत पाबंदी लगाए। खास तौर से सोशल मीडिया में पोस्ट करते समय इसका ध्यान जरूर रखें, क्योंकि मौजूदा समय हमारी परीक्षा की घड़ी है। पीठ ने कहा, आलोचना निष्पक्ष व रचनात्मक होनी चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में दूसरों की आस्था को आहत नहीं करना चाहिए। अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल संविधान के तहत तर्कसंगत तरीके से करना चाहिए।

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