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नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर फायरिंग मामले में पुलिस ने हरियाणा से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। पुलिस उस संदिग्ध से पूछताछ कर रही है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि दोनों शूटर वारदात के पहले और बाद में उसके संपर्क में थे।

पुलिस को शक यह भी है कि हिरासत में लिया गया शख्स लॉरेंस विश्नोई गैंग और शूटरों के बीच संपर्क सूत्र का काम कर रहा था। पुलिस अब अपराध में उसकी भूमिका की जांच कर रही है। एक अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध का संबंध गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों में से एक से था और वे घटना से पहले और बाद में लगातार संपर्क में थे।

हिरासत में लिए गए शख्स का बिश्नोई गैंग से कनेक्शन

अधिकारी ने कहा कि शक है कि हिरासत में लिया गया शख्स जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के निर्देश पर काम कर रहा था। घटना के बाद अनमोल बिश्नोई ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया था। जिससे गैंगस्टर बिश्नोई के घटना में शामिल होने का शक हुआ था।

अधिकारी ने कहा कि रविवार को यहां बांद्रा इलाके में खान के आवास पर गोलीबारी करने के आरोप में गिरफ्तार सागर पाल और विक्की गुप्ता हिरासत में लिए गए संदिग्ध को अपनी गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे थे और कॉल इंटरनेट का उपयोग करके की गई थीं।

सामने आई जानकारी के मुताबिक, एक्टर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग से कुछ घंटे पहले शूटर सागर पाल को बंदूक मुहैया कराई गई थी। पुलिस सूत्र के मुताबिक, आरोपियों को 13 अप्रैल की रात को बांद्रा इलाके से पिस्तौल की सप्लाई की गई थी। हालांकि क्राइम ब्रांच अभी इस बात की जांच कर रही है कि बंदूक सप्लाई करने वाला शख्स कौन था। पुलिस उस शख्स का पता लगाने की कोशिश में जुटी हुई है, जिसने सागर पाल और विक्की गुप्ता दोनों को पैसे मुहैया कराए थे।

सुपारी किलर्स ने की सलमान के घर के बाहर फायरिंग

पुलिस सूत्र के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने 4 लाख रुपए की सुपारी उठाई थी। शुरुआत में 1 लाख रुपए दिए गए थे, बाकी के 3 लाख रुपए काम पूरा होने के बाद देना तय हुआ था। हरियाणा से हिरासत में लिए गए शख्स का सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग में क्या रोल था, इस बात की जांच की जा रही है।

बता दें कि रविवार, 14 अप्रैल की सुबह सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की गई थी। हालांकि फायरिंग करने वाले शूटर्स अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। घटना को अंजाम देते समय दोनों शूटर्स ने अपना चेहरा छिपा रखा था ताकि सीसीटीवी में उनको पहचाना न जा सके। दोनों ने अपना हेलमेट उतार कर टोपी पहनी थी, जिसकी वजह से पास के सीसीटीवी में दोनों के चेहरे कैद हो गए। हालांकि, उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल को माउंट मेरी चर्च के पास छोड़ दिया था। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी में मुंबई पुलिस को आधारकार्ड से काफी मदद मिली।

पुलिस ने दोनों शूटर्स को ऐसे धर दबोचा

दोनों आरोपियों ने अपना मोबाइल फोन भी साथ रखा था। ऐसे में सीसीटीवी और मोबाइल फोन की डिटेल की मदद से पुलिस को एक नंबर का पता चला, जिससे कई बार फोन हुए थे। उस नंबर की मदद से पुलिस का काम आसान हो गया और नंबर की लॉकेशन को फॉलो करते हुए पुलिस ने 36 घंटों के अंदर दोनों को दबोच लिया।

फोटो: सोशल मीडिया से साभार

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