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मुंबई: विधायकों की अयोग्यता के मामले ने महाराष्ट्र की सियासत को गरम कर दिया है। इस बीच, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को अयोग्य न ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी है।

चौदह विधायकों के खिलाफ सत्तारूढ़ शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने शुक्रवार (12 जनवरी) को याचिकाएं दाखिल कीं थीं। जिनमें उन्होंने कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष के दस जनवरी के उस फैसले की वैधता, औचित्य और शुद्धता को चुनौती दे रहे हैं। जिसमें उनके प्रतिद्वंद्वी खेमे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं।

गोगावले ने याचिकाओं में कहा कि जून 2022 में पार्टी के विभाजन के बाद विधायकों ने अपनी इच्छा से शिवसेना राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ी। उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, गोगावले की याचिकाओं पर 22 जनवरी सुनवाई होगी।

दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे गुट ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। उन्होंने याचिका दायर कर विधानसभा स्पीकर के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया गया था।विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे सहित उनके खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका भी खारिज कर दी थी।

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