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मुंबई: महाराष्ट्र में असली शिवसेना पर दावेदारी की डेढ़ साल की लड़ाई में बुधवार को एक बड़ा मोड़ सामने आया जब विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई मोहलत के आखिरी दिन अपना फैसला सुनाया। राहुल नार्वेकर ने एकनाथ शिंदे गुट को राहत देते हुए कहा कि असली शिवसेना उनकी है और उद्धव ठाकरे गुट द्वारा नियमों को ताक पर रखकर विधायकों को सस्पेंड किया गया था।

स्पीकर की घोषणा के साथ ही सीएम शिंदे समेत 16 विधायकों पर जो अयोग्यता की तलवार लटक रही थी, वह अब हट गई है। इस फैसले के बाद मुंबई से लेकर नासिक तक शिंदे गुट के समर्थक जश्न मना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे एक बार फिर कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं।

विधानसभा स्पीकर के फैसले के बाद पूर्व मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने यह साफ कर दिया है कि वे अब इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और कोर्ट का रुख करेंगे। वहीं, शिवसेना-यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने स्पीकर के फैसले पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर षडयंत्र करने का आरोप लगाया है।

साथ ही  उन्होंने कहा कि वे अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। दरअसल, अब ठाकरे परिवार के पास यही विकल्प भी बचा है। क्योंकि इससे पहले चुनाव आयोग भी शिंदे गुट के पक्ष में ही फैसला सुना चुका है।

दोनों पार्टियों ने दायर की थी क्रॉस-याचिका

दरअसल, 2022 में शिवसेना में विद्रोह के बाद एकनाथ शिंदे ने अलग पार्टी बना ली और बीजेपी के समर्थन में खड़ी हो गई। जिससे महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई। उधर, संयुक्त शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने व्हिप जारी कर शिंदे गुट के विधायकों को सस्पेंड कर दिया था। इस व्हिप को भी आज स्पीकर ने अवैध करार दिया है। बीजेपी के साथ सरकार बनाए जाने के बाद उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट ने एक-दूसरे के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाया।

शिवसेना-यूबीटी कार्यालय के बाहर कड़ी सुरक्षा

उधर, शिंदे गुट जहां राज्यभर में जश्न में डूबा हुआ है। वहीं ठाकरे गुट की पार्टी शिवसेना-यूबीटी के बाहर सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पार्टी कार्यकर्ता इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं।

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