मुंबई: शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर अपना फैसला सुनाएंगे। इससे पहले महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भरोसा जताया है कि राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चल रही सरकार स्थिर रहेगी।
करीब डेढ़ साल पहले शिवसेना में हुई बड़ी बगावत के बाद ही शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित उनके साथ गए 39 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट चला गया था। शिंदे गुट ने भी उद्धव ठाकरे के साथ बचे रहे 14 विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। कुछ माह बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सौंप दिया था।
शिवसेना (उद्धव गुट) शुरू से ही दावा करता आ रहा है कि यह फैसला आते ही राज्य में शिंदे सरकार गिर जाएगी, जबकि राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने सरकार स्थिर रहने का भरोसा जताते हुए कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष उचित एवं कानून सम्मत निर्णय करेंगे।
भाजपा एवं शिवसेना के शिंदे गुट द्वारा बनाई गई सरकार कानूनी रूप से मजबूत है। हमारा पक्ष मजबूत है। हमें विधानसभा अध्यक्ष से न्याय मिलने का भरोसा है। इसलिए, हमारी सरकार कल भी स्थिर थी और आगे भी स्थिर रहेगी, लेकिन शिवसेना (उद्धव गुट) अभी से विधानसभा अध्यक्ष पर अविश्वास जताने लगा है।
पिछले कुछ दिनों में दो बार विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का मुख्यमंत्री शिंदे से मिलने उनके निवास पर जाना शिवसेना (उद्धव गुट) को अखर रहा है। उसने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक याचिका भी दायर कर दी है। इस गुट के नेता उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब जज (राहुल नार्वेकर) स्वयं आरोपित (एकनाथ शिंदे) से मिलने उसके घर जा रहे हों, तो हम जज से क्या उम्मीद कर सकते हैं। उद्धव के रुख से स्पष्ट है कि यदि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला उनके पक्ष में नहीं आया तो वह फैसले को स्वीकार करने के बजाय पुन: सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।