मुंबई: आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा आयोजन की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से आयोजन का निमंत्रण पत्र विशिष्ट लोगों को भेजा जा रहा है। ऐसे में कई राजनीतिक दलों की ओर से अभी तक राम मंदिर उद्घाटन का न्योता नहीं मिलने की चर्चा भी हो रही है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी अब तक तक अयोध्या समारोह का न्योता नहीं मिला है।
गोदावरी नदी के तट पर करेंगे महाआरती
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह और उनकी पार्टी के नेता उस दिन नासिक में कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी तट पर 'महाआरती' करेंगे। उद्धव ने अपनी मां दिवंगत मीना ठाकरे को शनिवार (6 जनवरी) को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव का कहना है कि उनका जब भी उनका मन होगा, वह अयोध्या जाएंगे। अयोध्या में होने जा रहे प्रभु श्रीराम के मंदिर का अभिषेक गौरव और स्वाभिमान का विषय है। उस दिन (22 जनवरी) को शाम 6.30 बजे कालाराम मंदिर जाएंगे, जहां डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर और (समाज सुधारक) साने गुरुजी ने विरोध प्रदर्शन किया था। उसी दिन शाम को 7.30 बजे गोदावरी नदी के तट पर 'महाआरती' करेंगे।
वनवास के समय पत्नी सीता व भाई के साथ रूके थे भगवान राम
नासिक का पंचवटी क्षेत्र स्थित कालाराम मंदिर भगवान राम को समर्पित है। मंदिर का नाम काले पत्थर से बनी भगवान राम की मूर्ति से लिया गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान पत्नी सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ पंचवटी में विश्राम किया था।
संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर ने 1930 में कालाराम मंदिर में दलितों के प्रवेश को लेकर आवाज उठाई थी और इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था।
उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि 23 जनवरी को उनके पिता और शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाला साहेब ठाकरे की जयंती हैं और पार्टी की तरफ से नासिक में रैली भी निकाली जाएगी।
'राम मंदिर आंदोलन में शिवसेना का बड़ा योगदान'
उद्धव ठाकरे ने बीते सप्ताह भी पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा था, ''मुझे अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है और अयोध्या जाने के लिए किसी न्योते की जरूरत नहीं है क्योंकि राम लला सभी के हैं। जब भी मेरा मन होगा, मैं वहां जाऊंगा। राम मंदिर आंदोलन के लिए शिवसेना ने बहुत योगदान दिया था।''