नई दिल्ली: शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस की 'आत्मा' को हिंदू करार देते हुए बुधवार को कहा कि कांग्रेस के नेताओं को का राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को यदि विशेष निमंत्रण मिला है, तो उन्हें राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होना चाहिए। लेख में यह भी कहा, "कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में कांग्रेस की सहयोगी है और विपक्षी दलों के 'इंडिया' गठबंधन की सदस्य भी है।
शिवसेना का बीजेपी पर कटाक्ष
शिवसेना (यूबीटी) ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना' के एक संपादकीय लेख में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "अगर उस समय प्रधानमंत्री भाजपा से होते तो बाबरी मस्जिद नहीं गिराई जाती। दिसंबर 1992 में जब ढांचा गिराया गया, तब कांग्रेस की सरकार थी और पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री थे।"
कांग्रेस नेताओं को राम मंदिर उद्घाटन में होना चाहिए शामिल: उद्धव
शिवसेना (यूबीटी) ने संपादकीय लेख में कहा, "यदि कांग्रेस को राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए कोई विशेष निमंत्रण मिला है तो उसके नेताओं को अयोध्या जाना चाहिए, इसमें गलत क्या है? कांग्रेस की आत्मा हिंदू है। इसमें छुपाने लायक कुछ भी नहीं है।"
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी की संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को आमंत्रित किया गया है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी आमंत्रित किया गया है।
शिवसेना (यूबीटी) ने अपने संपादकीय लेख में कहा, "कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की राय थी कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। राजीव गांधी के निर्देश पर ही दूरदर्शन पर प्रसिद्ध धारावाहिक ‘रामायण' का प्रसारण किया गया था।"