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मुंबई: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह की मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट के अंदर 14 जून को लटका मिला उनका शव इस वक्त लोगों के लिए एक बड़ी पहेली बना हुआ है। बिहार सरकार की सिफारिश के बाद इस केस की जांच केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई कर रही है। लेकिन, इस मामले को लगातार तूल दिए जाने को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार के रुख उलट उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच से मुझे कोई आपत्ति नहीं है।

पवार बोले- सुशांत केस पर इतनी चर्चा क्यों?

पवार ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति जो खुदकुशी कर मरता है, लेकिन उस पर इतनी चर्चा क्यों की जा रही है? मैं नहीं मानता हूं कि यह इतना बड़ा मुद्दा है। एक किसान ने मुझसे कहा कि 20 किसानों ने खुदकुशी कर ली, लेकिन उस पर किसी ने नहीं बात की।” एनसीपी अध्यक्ष ने आगे कहा, मैंने महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस को पिछले 50 वर्षों से देखा है और उन पर विश्वास किया है। मैं उस पर टिप्पणी नहीं करूंगा जो उन पर आरोप लगा रहे हैं। अगर कोई यह सोचता है कि सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी को इसकी जांच करनी चाहिए तो मैं उसका विरोध नहीं करूंगा।

 

सुशांत केस में उनके भतीजे के पोते पार्थ पवार की तरफ से सीबीआई जांच की मांग पर शरद पवार ने कहा कि हम पार्थ पवार की मांग को महत्व नहीं देते हैं। वह अपरिपक्व है। शिवसेना सांसद संजय राउत से मुलाकात के बाद एनसीपी सुप्रीमो ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हमारे पोते (भतीजे के बेटे) ने जो कुछ भी कहा है हम उसे तनिक भी महत्व नहीं देते हैं। वह अभी अपरिपक्व हैं....मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमें महाराष्ट्र पुलिस पर 100 फीसदी भरोसा है। लेकिन, अगर कोई अब भी चाहता है कि मामले की जांच सीबीआई से हो] तो इसका विरोध करने का कोई कारण नहीं है ।'

उनसे यह पूछा गया था कि उनके पोते पार्थ पवार समेत कुछ लोग मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से कराना चाहते हैं। पवार ने कहा कि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ जो आरोप लगाये गये हैं उसका वह जवाब नहीं देना चाहते हैं। महाराष्ट्र की मावल सीट से लोकसभा चुनाव हार जाने वाले पार्थ पवार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं पवार के भतीजे अजित पवार के बेटे हैं।  पार्थ पवार ने 27 जुलाई को प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात कर राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई से अथवा एक विशेष जांच दल से कराने की मांग की थी।

शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि राजपूत की मौत के मामले में दबाव का खेल खेला जा रहा है और महाराष्ट्र के खिलाफ साजिश के तहत इस मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है। इस बीच पवार के साथ करीब एक घंटे तक मुलाकात के बाद राउत ने पीटीआई भाषा को बताया कि यह एक सामान्य मुलाकात थी जिस दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने ट्वीट किया, 'हां, मैने शरद पवार से मुलाकात की और देश तथा राज्य के विकास पर चर्चा की । किसी को चिंता करने अथवा पेट दर्द की जरूरत नहीं है।'

इधर, शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत की तरफ से सुशांत के पिता पर दिए बयान के बाद एक नया बवाल शुरू हो गया है। सुशांत के परिवार की तरफ से संजय राउत के बयान पर माफी की मांग के बाद शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि वह इसके ऊपर विचार करेंगे। 

राउत बोले- जो हमारे पास जानकारी थी वो बोला

संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा- उनकी तरफ से इस बारे में अगर कोई गलती हुई हो तो वे इस पर विचार करेंगे। राउत ने आगे कहा, लेकिन हमें इसको देखना पड़ेगा। जो कुछ भी मैंने कहा उसको लेकर हमारे पास जानकारी थी और सुशांत के परिवार ने जो कुछ भी कहा उस बारे में उनके पास जानकारी थी। 

इधर, सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में सुशांत के चचेरे भाई और बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू के वकील अनीश झा ने महाराष्ट्र के राज्यसभा सांसद संजय राउत को वकालतन नोटिस भेजा है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह पर की गई टिप्पणी से आहत होकर विधायक ने उन्हें ये नोटिस भेजा है। नीरज बबलू के वकील ने कहा कि संजय राउत को एक्टर सुशांत की मौत पर दिए बयान को लेकर माफी मांगने के लिए 48 घंटे का वक्त है।

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