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मुंबई: शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत केस में अपनी चुप्पी तोड़ी है। आदित्य ठाकरे ने इसे 'घटिया राजनीति' बताया है। उन्हें कहा कि इस पर काफी नीचे स्तर की राजनीति हो रही है, हालांकि वे धैर्य बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस पर राजनीति ऐसे समय में हो रही है जब देश कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है। महाराष्ट्र सरकार भी कोरोना से लड़ाई लड़ रही है, और कुछ चीजों में हमारी जीत को कुछ लोग इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए उन्होंने मामले का राजनीतिकरण शुरू कर दिया। 

मराठी में जारी किए गए बयान में आदित्य ठाकरे ने कहा, 'मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। मेरे भी इस इंडस्ट्री के साथ बहुत से संपर्क हैं। लेकिन वो कोई अपराध नहीं है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत शॉकिंग और दुखद है। मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है और महाराष्ट्र पुलिस पूरी दुनिया में मशहूर है।' उन्होंने कहा कि 'मैं बाला साहेब ठाकरे का पोता हूं और मैं यह कहना चाहता हूं कि मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूंगा जिससे महाराष्ट्र, शिवसेना और ठाकरे परिवार की प्रतिष्ठा पर आंच आए।'

उन्होंने कहा कि जो लोग आधारहीन आरोप लगा रहे हैं उन्हें यह पता होना चाहिए कि अगर उनके पास इस मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी है तो पुलिस को दें और वह उसकी निश्चित ही जांच करेगी। 

'मौत पर राजनीति' को मानवता पर धब्बा करार देते हुए 30 वर्षीय आदित्य ठाकरे ने 14 जून को अभिनेता की मौत से जुड़े मामले में 'किसी भी प्रकार के संबंध' होने का खंडन किया।  

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने कहा, 'यह गंदी राजनीति है, लेकिन मैंने खुद को शांत रखा हुआ है। महाराष्ट्र सरकार कोरोनो वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। कुछ लोग कुछ चीजों में हमारी जीत को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत मामले का राजनीतिकरण करना शुरू कर दिया है।

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