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मुंबई: एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने सीमा विवाद को लेकर कहा है कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान नहीं चीन है। शरद पवार ने कहा कि चीन पाकिस्तान की तुलना में भारत के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि बीजिंग ने भारत के पड़ोसियों को अपने पक्ष में कर लिया है। भारत की तुलना में चीन की सेना दस गुना अधिक हो सकती है।

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' को दिए एक साक्षात्कार में पवार ने कहा कि केंद्र सरकार को बातचीत और राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश करनी चाहिए। पवार ने कहा, जब हम किसी दुश्मन के बारे में सोचते हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम पाकिस्तान का आता है। लेकिन हमें पाकिस्तान के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।  उन्होंने कहा कि लंबे समय से चीन ने भारतीय हितों के खिलाफ कार्य करने का काम किया है। चीन भारत के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा, चीन से भारतीयों के लिए वास्तविक खतरा है और चीन अब आर्थिक रूप से और भी मजबूत हो गया है।

पिछले महीने लद्दाख की गालवां घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, जब मैं कहता हूं कि इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए इस इसका मतलब यह है कि हम चीन पर हमला कर सकते हैं। लेकिन हमले की स्थिति मे पूरे देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि हमले की जगह हमें बातचीत और कूटनीतिक माध्यमों से चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश करनी चाहिए शरद पवार ने कहा कि चीन ने न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों को भी भारत के खिलाफ कर दिया है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार पीएम बने बने थे तो वो पशुपतिनाथ मंदिर में प्रार्थना करने के लिए नेपाल गए थे।

 

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