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मुंबई: पहली बार चुनाव लड़ रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घोषित किया है कि उनके और उनके परिवार के पास 143.26 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति है। हालांकि वह किसी कार के मालिक नहीं हैं। उद्धव ठाकरे पर कर्ज समेत 15.50 करोड़ रुपये की देनदारियां भी हैं। चुनाव आयोग को सोमवार को दिए चुनावी हलफनामे में ठाकरे ने अपनी संपत्ति और आय के स्रोतों के बारे में बताया है। हलफनामे के मुताबिक, उनकी पत्नी रश्मि की आमदनी विभिन्न कारोबारों से होती है। वह शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' की संपादक भी हैं।

ठाकरे ने अपने हलफनामे में बताया है कि उनके पास कोई कार नहीं है। उनके खिलाफ पुलिस में 23 शिकायतें दर्ज हैं जिनमें से 14 'सामना' और 'दोपहर का सामना' में 'मानहानिकारक' सामग्री या कार्टून से संबंधित हैं। उन्होंने अपने दोनों को बेटों को उनपर निर्भर नहीं बताया है। लिहाजा हलफनामे में उनकी संपत्ति और देनदारियों का जिक्र नहीं है। उद्धव ठाकरे के बड़े बेटे आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री हैं और पर्यावरण मंत्रालय का जिम्मा संभालते हैं।

हलफनामे के मुताबिक उद्धव ठाकरे के पास 76.59 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें से 52.44 करोड़ रुपये की अचल और 24.14 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है। उनकी पत्नी के पास 65.09 करोड़ रुपये की संपत्ति है। जिसमें से 28.92 करोड़ रुपये की अचल और 36.16 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है। इससे पहले दिन में ठाकरे और सत्तारूढ़ गठबंधन के चार अन्य उम्मीदवारों ने 21 मई को होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए अपना नामांकन दायर किया।

मुख्यमंत्री फिलहाल न विधानसभा के और न विधान परिषद के सदस्य हैं। विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोरहे ने भी शिवसेना उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। एनसीपी के उम्मीदवार शशिकांत शिंदे और अमोल मितकरी और कांग्रेस के राजेश राठौड़ ने भी रिटर्निग ऑफिसर को अपना नामांकन सौंपा।

विपक्ष भारतीय जनता पार्टी से चार उम्मीदवार रणजीतसिंह मोहिते-पाटिल, प्रवीण दटके, गोपीचंद पडलकर और अजीत गोपछडे मैदान में हैं और उन्होंने भी सोमवार दोपहर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। सभी नौ उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय है। एमएलसी चुनावों के साथ ठाकरे एक विधायक के रूप में अपनी शुरुआत करेंगे। यह अनिवार्य था क्योंकि वे विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।

नामांकन दाखिल होने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, "नौ एमएलसी सीटों पर चुनाव निर्विरोध होगा। हमने कांग्रेस नेतृत्व के साथ चर्चा की कि यह चुनाव का समय नहीं बल्कि कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने का समय है। उन्होंने हमारे अनुरोध का सम्मान किया और अपने दूसरे उम्मीदवार को वापस ले लिया।" राज्य के उच्च सदन में नौ खाली सीटें 288 सदस्यों वाले विधानसभा के निर्वाचक मंडल के माध्यम से भरी जाएंगी।

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